बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को बरकरार रखा है, जिससे एकल पीठ के आदेश को पलट दिया गया है। खंडपीठ ने आधा दर्जन ग्राम पंचायतों को नगरपालिका का दर्जा देने वाली अधिसूचना को वैध ठहराया और सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए, खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यकारी निर्देशों को वैधानिक नियमों के साथ संरेखित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि 1961 अधिनियम की धारा 5 के तहत निर्धारित संक्रमण क्षेत्रों से संबंधित प्रतिबंध अधिसूचना जारी होने की तारीख से ही प्रभावी होते हैं।
खंडपीठ ने राज्य सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला
राज्य सरकार ने एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए खंडपीठ में अपील दायर की थी। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति एके प्रसाद की खंडपीठ ने एकल पीठ के निष्कर्ष से असहमति जताते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया।
अधिसूचना को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को किया खारिज
खंडपीठ ने मरवाही, सकरी, सरसीवां, जनकपुर, कोपरा और पावनी नगर पालिकाओं को अपग्रेड करने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा और अधिसूचना को रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।