Ken-Betwa Link Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 दिसंबर को केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था. यह परियोजना देश की पहली नदी जोड़ो योजना है और इसके पूरा होने से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों की तस्वीर बदल जाएगी. 221 किलोमीटर लंबी इस नहर से इन राज्यों में न केवल सिंचाई और पेयजल की सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि बिजली उत्पादन और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.
केन-बेतवा लिंक परियोजना 44,605 करोड़ रुपये की लागत से 8 वर्षों में पूरी होगी. इसमें केंद्र सरकार 90% और राज्य सरकारें 10% खर्च करेंगी. केन नदी पर पन्ना और छतरपुर जिलों में 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा बांध बनेगा, जिसके द्वारा 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा. इसके अतिरिक्त, पन्ना टाइगर रिजर्व को भी सालभर पानी मिलेगा और क्षेत्रीय जलस्तर में सुधार होगा.
चंदेल काल के तालाबों का पुनरुद्धार
परियोजना के तहत, 42 ऐतिहासिक चंदेल कालीन तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिससे वर्षा का पानी इन तालाबों में जमा होगा और स्थानीय जलस्तर में वृद्धि होगी. इस नहर के बनने से मध्यप्रदेश के 10 और उत्तर प्रदेश के 4 जिलों के 2,000 से ज्यादा गांवों में 8.11 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई संभव होगी. लगभग 7 लाख किसान परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा.
मध्यप्रदेश के 44 लाख लोगों को मिलेगा पेयजल
इसके अलावा, परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलेगा, जबकि उत्तर प्रदेश के बांदा जिले को बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी. केन-बेतवा लिंक नहर का निर्माण बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि इससे न केवल कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक सुधार भी होंगे. यह परियोजना एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकती है, जो इस क्षेत्र के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.