छत्तीसगढ़ में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) मॉडल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में यूनिटी मॉल परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और ग्रामीण हस्तशिल्पियों, बुनकरों और छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद अब इस परियोजना से जुड़ी सभी बाधाएं खत्म हो गई हैं और मॉल निर्माण की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मॉल के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिनमें से 100 करोड़ रुपये पहले ही पूंजीगत व्यय के तहत अग्रिम रूप से राज्य को दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस परियोजना को राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यूनिटी मॉल से स्थानीय हस्तशिल्पियों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मॉल स्थानीय उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए ‘वन स्टॉप मार्केट प्लेस’ के रूप में काम करेगा, जिससे राज्य के छोटे उद्यमियों को लाभ मिलेगा। इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।”
यूनिटी मॉल योजना का असर केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रहेगा। यह मॉल अन्य राज्यों के महत्वपूर्ण उत्पादों को भी प्रदर्शित करेगा और बेचेगा, जिससे राष्ट्रीय एकता को बल मिलेगा। इसके माध्यम से अन्य राज्यों से आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह परियोजना मेक इन इंडिया अभियान और राष्ट्रीय एकता की भावना को भी प्रोत्साहित करेगी। छत्तीसगढ़ में यूनिटी मॉल का निर्माण आने वाले समय में राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा, जिससे गरीबों, युवाओं, किसानों और नारी शक्ति के लिए नए अवसर पैदा होंगे।