हिंदुस्तान में धर्म परिवर्तन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. धर्मांतरण के संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अधिकतर हिंदुस्तानी अपना धर्म बदलकर ईसाई धर्म को अपना रहे हैं. बात करें अकेले पंजाब की तो पिछले दो सालों में 3.5 लाख पंजाबी अपना धर्म छोड़कर ईसाई बन गए. सिख स्कालर व रिसचर्ज डॉ. रणबीर सिंह ने अपने सर्वे के आधार पर किया है. उनके अनुसार शहरों की तुलना में गांव के लोग मुफ्त रेवड़ियों के चक्कर में ईसाई बन रहे हैं.
डॉ. रणबीर सिंह के सर्वे के अनुसार साल 2023-24 में करीब 1.5 लाख लोगों ने अपना धर्म बदला, जबकि 2024-25 में 2 लाख लोगों ने दूसरे मजहब को अपनाया.
सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा
साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार पंजाब की जनसंख्या 2 करोड़ 77 लाख थी. इसमें से 1.26 फीसदी यानी करीब 3.5 लाख ईसाई थी. पंजाब के तरनतारन में ईसाइयों की जनसंख्या 6,137 थी. 2021 में यह संख्या बढ़कर 12,436 हो गई है. यानी तरनतार में ईसाई धर्म को अपनाने वालें की संख्या में 102 फीसदी तक की वृद्धि हुई है.
पंजाब के गुरुदासपुर जिले में ईसाइयों की जनसंख्या में 4 लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. सिख स्कॉलर डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि धर्मांतरण के लिए हिंदुस्तान में पाकिस्तान और अमेरिका समेत कई मुल्कों से फंडिंग हो रही है. उन्होंने अपने सर्वे में बताया कि बदलते समाज के इस दौर में लोगों को लालच देकर उनका धर्म ही बदल दिया जा रहा है. हिंदू, सिख और मुसलमानों तक पहुंचकर उन्हें लालच दिया जाता है. उन्हें यूसी के चमत्कार से उनकी समस्याओं के हल करने के उपाय बताए जाते हैं. और फिर जरूरतमंदों की आवश्यकताएं पूरी करके उन्हें ईसई धर्म में कनवर्ट करा दिया जाता है.