पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार को भारत का नया चीफ इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया गया है. वह राजीव कुमार की जगह लेंगे. 18 फरवरी यानी आज राजीव कुमार रिटायर हो रहे हैं. वह इस पद पर मई 2022 से बने थे. अब उनकी जगह 1988 बैच के केरल कैडर के IAS ऑफिसर लेंगे जो पिछले साल मार्च से इलेक्शन कमिश्नर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वह नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं. ऐसे में उनकी नियुक्ति पर सवाल भी उठ रहे हैं. दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. ऐसे में उनके नियुक्ति पर कांग्रेस नेता और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए हैं. नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट से चीफ जस्टिस की जगह गृह मंत्रालय के पैनल को रखा गया है. यानी नए कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में देश के CJI नहीं शामिल होंगे.
राहुल गांधी और कांग्रेस को क्या है आपत्ति?
नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सोमवार को तीन सदस्यीय पैनल की बैठक हुई. इसमें पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थी. इस मीटिंग में ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी. हालांकि, राहुल गांधी उनकी नियुक्ति से खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि CEC की नियुक्ति तब तक के लिए स्थगित कर दी जाए जब तक सुप्रीम कोर्ट नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला नहीं सुना देता. फिलहाल, यह मामला SC में लंबित है.
मोदी सरकार ने नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर संसद से एक कानून पारित करवाया था. नए कानून में CEC की नियुक्ति पैनल में भारत के मुख्य न्यायधीश को बाहर रखा गया था. पहले चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में CJI भी शामिल होते थे. लेकिन कानून बदलकर नियुक्ति प्रक्रिया में सीजेई को बाहर रख दिया गया है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अपनी असहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत नए CEC की नियुक्ति प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के खिलाफ है. उन्होंने इसे लेकर अपना विरोध पत्र भी सौंपा. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि कांग्रेस की ओर से नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी को सुनवाई करेगा. ऐसे में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही किया जाना चाहिए.
सरकार पर लग रहे ये आरोप
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस और तमाम विपक्षी पार्टियां यह आरोप लगा रही हैं कि सरकार नए कानून के जरिए पारदर्शिता को खत्म करने की कोशिश कर रही है.