यह कार्रवाई स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी पुनर्गठन प्रक्रिया में गड़बड़ियों के चलते की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा द्वारा कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बीईओ दीवान ने अतिशेष शिक्षकों की वरीयता सूची में गंभीर लापरवाही बरती थी।
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि दीवान द्वारा तैयार की गई सूची त्रुटिपूर्ण थी, जिसके चलते युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई। बाद में सूची में सुधार कर काउंसलिंग की प्रक्रिया को दोबारा पूरा कराया गया।
शासन ने स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण जैसे संवेदनशील और नीति आधारित फैसलों में किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग ने संकेत दिए हैं कि अन्य जिलों में भी यदि इस तरह की गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो और भी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
