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November 22, 2024
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खरगे, ममता से लेकर अखिलेश तक, जानें किन-किन विपक्षी नेताओं ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा से बनाई दूरी

नई दिल्ली: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर में उत्सव का माहौल है. रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. इस भव्य कार्यक्रम में कई मशहूर हस्तियां शामिल हो रही हैं. वहीं तमाम विपक्षी दलों के नेता इस समारोह का हिस्सा नहीं बन रहा है. इस फेहरिस्त में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी), सपा, BSP, NCP, TMC, AAP, SP JDU, RJD समेत कई तमाम विपक्षी दलों ने इस समारोह से दूरी बना ली है. कांग्रेस ने इस समारोह को BJP और कांग्रेस का इवेंट करार दिया है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वे राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं जा रहे हैं.

राहुल गांधी

बीते दिनों राहुल गांधी ने बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया था कि आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है. यह आरएसएस-बीजेपी का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस समारोह में नहीं जाएंगे. हम सभी धर्मों, सभी प्रथाओं के लिए खुले हैं. यहां तक ​​कि शंकराचार्य ने अपनी राय सार्वजनिक कर दी है कि वे 22 जनवरी के समारोह के बारे में क्या सोचते हैं कि यह एक राजनीतिक समारोह है. इसलिए हमारे लिए ऐसे राजनीतिक समारोह में जाना मुश्किल है.

कांग्रेस आलाकमान 

रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने को लेकर बीते दिनों खरगे ने कहा था कि इस निर्णय का उद्देश्य किसी की भावनाओं या किसी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं है. हम पहले ही कह चुके हैं कि अगर कोई 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या जाना चाहता है, तो वे जब चाहें जाने के लिए स्वतंत्र हैं. कार्यक्रम में शामिल न होने के हमारे फैसले को लेकर BJP की तरफ से हमें लगातार निशाना बनाया जा रहा है .यह अनुचित है. हमारे फैसले का उद्देश्य किसी व्यक्ति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया था लेकिन उन्होंने शामिल होने से इंकार कर दिया था.

अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह निमंत्रण मिलने के बाद चंपत राय को पत्र लिखा था. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को लिखे एक पत्र में अखिलेश यादव ने कहा कि वो प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन करने आएंगे. अपने खत में उन्होंने निमंत्रण मिलने के लिए धन्यवाद कहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो. वो अपने परिवार के साथ इस कार्यक्रम के बाद दर्शनार्थी बनकर आएंगे.

ममता बनर्जी

बीते दिनों ममता बनर्जी ने हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी राम मंदिर उद्घाटन के जरिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए नौटंकी कर रही है. मैं उस उत्सव पर विश्वास रखती हूं जो सभी को साथ लेकर चलता है और एकता की बात करते हैं. बीजेपी राम मंदिर उद्घाटन अदालत के निर्देश पर बना रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले नौटंकी शो के तौर पर ऐसा कर रही है. मैं लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने में विश्वास नहीं करती. ममता बनर्जी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगी.

NCP चीफ शरद पवार

NCP चीफ शरद पवार को रामलला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है. निमंत्रण मिलने के बाद शरद पवार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने चंपत राय का आभार जताया है. लिऱे गए पत्र में शरद पवार ने बताया है कि 22 जनवरी को जब प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाएगी उसके बाद समय निकालकर वे सहजता से दर्शन के लिए आएंगे.

लालू यादव

RJD चीफ और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लालू यादव शामिल नहीं होंगे. पत्रकारों से बातचीत के दौरान लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे.

मायावती

रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिलने पर मायावती ने कहा कि इस कार्यक्रम का हम स्वागत करते हैं. आगे बाबरी मस्जिद का ऐसा कोई कार्यक्रम होगा तो हम उसका भी स्वागत करेंगे. अगर मैं व्यस्त नहीं हुई तो फिर अयोध्या जा सकती हूं लेकिन अभी इस मामले पर कोई भी निर्णय नहीं लिया है क्योंकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के काम में व्यस्त हूं.

केजरीवाल

सीएम केजरीवाल शामिल नहीं होंगे. रामलला प्राण प्रतिष्ठा और राम मंदिर का उद्घाटन को लेकर AAP रामलला की शोभा यात्रा निकालने का फैसला लिया है. लगभग 16-17 विधानसभाएं ऐसी हैं जहां कल सुंदरकांड और आरती के बाद फल प्रसाद वितरण का कार्यक्रम रखा गया है. पूरी दिल्ली के कई स्थानों पर यह कार्यक्रम रखा गया है. आप के विधायक, पार्षद और पार्टी संगठन मिलकर कार्यक्रम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार की ओर से रामलीला का आयोजन आईटीओ के पास स्थित प्यारेलाल ऑडिटोरियम में 22 जनवरी तक किया गया है.

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