Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust shared Ram temple features: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं बताईं हैं. ट्रस्ट की ओर से जानकारी दी गई है कि मंदिर में मुख्य एंट्री गेट कहां होगा, गर्भगृह में एंट्री कहां से होगी और राम दरबार मंदिर के किस फ्लोर पर होगा. इसके अलावा, मंदिर की ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई की भी जानकारी दी गई है.
ट्रस्ट के मुताबिक, तीन मंजिला राम मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है. पूर्व से लेकर पश्चिम तक मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और चौड़ाई 250 फीट है, जबकि मंदिर की ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर के हर फ्लोर की ऊंचाई 20 फीट है. मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं. मुख्य गर्भगृह में श्री राम लला की मूर्ति रहेगी और फर्स्ट फ्लोर पर पर श्रीराम दरबार होगा.
राम मंदिर में होंगे पांच मंडप
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर में 5 मंडप (हॉल) होंगे. इनके नाम नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप होगा. ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाईं गईं हैं. मंदिर में एंट्री पूर्व दिशा से होगी. इसके बाद श्रद्धालु सिंह द्वार के जरिए से 32 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर में पहुंचेंगे. मंदिर में अलग-अलग तरह के श्रद्धालुओं (दिव्यांग और बुजुर्ग) की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट लगाई गई है. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है.
25 हजार की क्षमता वाला होगा तीर्थयात्री सुविधा केंद्र
ट्रस्ट के मुताबिक, 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है. पीएफसी में तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा भी मिलेंगी. कुल मिलाकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने 20 पॉइंट में मंदिर से जुड़ी अहम जानकारी शेयर की है. ट्रस्ट ने बताया है कि किस तरह से राम मंदिर भव्यता और दिव्यता के साथ बनकर पूरी तरह तैयार होगा. ट्रस्ट ने बताया है कि तीन मंजिला मंदिर में कहां क्या होगा. ट्रस्ट ने बताया है कि मंदिर परिसर के सभी क्षेत्रों से लेकर भगवान श्रीराम का गर्भगृह तक मंदिर की भव्यता कैसी होगी?
20 पॉइंट में समझें कैसा होगा मंदिर
1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 दरवाजे होंगे
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप और फर्स्ट फ्लोर पर श्रीराम दरबार होगा
5. मंदिर में 5 मंडप होंगे, जिनका नाम क्रमश: नृत्य मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप होगा
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा
8. दिव्यांगों एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी
9. मंदिर के चारों ओर परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा.
11. मंदिर के पास पौराणिक काल का सीताकूप भी होगा
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी शामिल है
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है.
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.
17. मंदिर परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है
18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी
19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी
20. मंदिर का निर्माण पूरी तरह से भारतीय परम्परानुसार और स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल 70 एकड़ क्षेत्र हमेशा ग्रीन रहेगा.