Rajya Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 27 फरवरी को चुनाव होंगे. ये सभी 56 सीटें अप्रैल के पहले हफ्ते में खाली हो रही हैं. बताया गया है कि 50 सदस्य 2 अप्रैल को और छह अगले दिन रिटायर होंगे. वर्तमान में उच्च सदन के 238 सदस्यों में से 109 एनडीए दलों से हैं जबकि 89 भारत गठबंधन में शामिल दलों के हैं.
जिन सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हैं, इनके अलावा पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, मनसुख मांडविया, वी मुरलीधरन, नारायण राणे, भाजपा मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी और समाजवादी पार्टी सांसद व अभिनेता जया बच्चन भी रिटायर हो रहे हैं.
56 सांसदों में से 28 BJP तो 10 कांग्रेस के सदस्य
जानकारी के मुताबिक, रिटायर होने वाले 56 सांसदों में से 28 भाजपा के और 10 कांग्रेस के हैं. भाजपा की करीब इतनी ही सीटें बरकरार रहने की संभावना है, जबकि कांग्रेस नौ सीटें जीतेगी और बिहार में अपने सहयोगियों की मदद से एक और सीट पाने की उम्मीद लगाए हुए है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. उनके तीन सांसद सेवानिवृत्त हो रहे हैं और पिछले महीने तेलंगाना में बीआरएस को सत्ता से बाहर करने वाली कांग्रेस दो सीटें जीतने के लिए तैयार है.
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 सीटें खाली होंगी. इसके बाद महाराष्ट्र और बिहार (छह-छह), मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल (पांच-पांच), कर्नाटक और गुजरात (चार-चार), ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में (तीन-तीन), उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ (एक-एक) सीट है.
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 राज्यसभा सदस्य हो रहे रिटायर
यूपी में रिटायर होने वाले 10 सदस्यों में से 9 भाजपा के हैं, जिनमें से सात के जीतने की उम्मीद है. वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) शेष तीन को जीत सकती है. उधर, बिहार में भाजपा को एक सीट का फायदा होगा. रिटायर होने वाले छह लोगों में से दो-दो जद (यू) और राजद से और एक-एक भाजपा और कांग्रेस से हैं.
विधानसभा की वर्तमान ताकत को देखते हुए, भाजपा और राजद को दो-दो सीटें मिलेंगी, जबकि जदयू को एक सीट मिलेगी. राजद के नेतृत्व वाले विपक्ष के पास छठी सीट पाने के लिए पर्याप्त संख्या है, जिसके लिए कांग्रेस प्रयास कर रही है.
दिलचस्प चुनावी लड़ाई महाराष्ट्र में होगी, जहां पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से एनसीपी और शिवसेना अलग हो गए हैं. मौजूदा ताकत के आधार पर भाजपा का सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा छह में से पांच सीटों पर दावा कर सकती है, जबकि कांग्रेस की नजर छठी सीट से आसान जीत पर है. महाराष्ट्र से रिटायर होने वालों में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अलावा कांग्रेस के कुमार केतकर, राकांपा सदस्य वंदना चव्हाण और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सदस्य अनिल देसाई शामिल हैं.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बड़ी जीत की उम्मीद
नतीजे कमोबेश मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही होंगे. ये तीन प्रमुख राज्य हैं जहां भाजपा ने दिसंबर में बड़ी जीत हासिल की है. मध्य प्रदेश में रिटायर होने वाले पांच सदस्यों में से चार भाजपा से और एक कांग्रेस से हैं. दोनों पार्टियों की मौजूदा ताकत के आधार पर नतीजा वही रहने की संभावना है. राजस्थान में भाजपा के दो और कांग्रेस के एक सदस्य रिटायर हो रहे हैं. पार्टियों के पास इतनी ही संख्या में सांसद चुनने की ताकत है. उधर, छत्तीसगढ़ में भाजपा का एक सदस्य रिटायर हो रहा है और पार्टी को यह सीट वापस मिल जाएगी.
गुजरात में कांग्रेस की सीटें घटेंगी. जो चार सदस्य रिटायर हो रहे हैं, उनमें से दो-दो भाजपा और कांग्रेस से हैं. ये चारों अब भाजपा में जाएंगे. ओडिशा में रिटायर होने वाले सदस्यों में से दो सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) से हैं और एक भाजपा से है. ये तीनों अब बीजेडी में जाएंगे. भाजपा उत्तराखंड और हरियाणा में खाली होने वाली एकमात्र सीट को बरकरार रखेगी, जबकि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में एक सीट जीतेगी जहां से जेपी नड्डा रिटायर हो रहे हैं.
बंगाल में राज्यसभा चुनाव होगा काफी दिलचस्प
कर्नाटक में कांग्रेस के तीन और भाजपा के एक सांसद रिटायर हो रहे हैं. चुनाव के बाद नतीजे भी ऐसे ही होंगे. एक और दिलचस्प बदलाव आंध्र प्रदेश में होगा. भाजपा, टीडीपी और सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी से एक-एक सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं. मौजूदा ताकत के आधार पर तीनों सीटें वाईएसआरसीपी को मिलेंगी. पश्चिम बंगाल में चुनाव दिलचस्प होगा, जहां I.N.D.I.A की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. खाली हो रही पांच सीटों में से फिलहाल चार पर टीएमसी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है. मौजूदा ताकत के आधार पर टीएमसी को फिर से चार सीटें मिल सकती हैं और पांचवीं सीट भाजपा के पास जाएगी.
सेवानिवृत्त होने वाले कांग्रेस सांसद वरिष्ठ वकील और कांग्रेस कार्य समिति ( सीडब्ल्यूसी ) के सदस्य अभिषेक सिंघवी हैं, जो पिछली बार टीएमसी के समर्थन से जीते थे. सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में मामलों में ममता बनर्जी सरकार की ओर से पेश हुए हैं.