नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में INS संधायक को कमीशन किया जाएगा। इसके लिए साड़ी तैयारी पूरी कर ली गई है। यह पोत समुद्री नेविगेशन को सक्षम करने की दिशा में बंदरगाहों, नौवहन चैनलों/मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है। अपनी अन्य भूमिका में, जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम होगा। समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और नौसेना के पूर्वी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमाडिंग-इन-चीफ राजेश पेंढारकर शामिल होंगे। इसके अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
नौसेना के बड़े अधिकारी ने बताया कि, यह समारोह चार सर्वे वेसल्स (बड़े) जहाजों में से पहले को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने का प्रतीक है। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है। बंदरगाह और समुद्र दोनों में एक कठोर और व्यापक परीक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद संध्याक को 4 दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
जहाज की प्राथमिक भूमिका सुरक्षित समुद्री नेविगेशन को सक्षम करने की दिशा में बंदरगाहों, नौवहन चैनलों/मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है। अपनी अन्य भूमिका में, जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम होगा।
नौसेना बेड़े में एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त, संधायक गहरे और उथले पानी के मल्टी-बीम इको-साउंडर्स, ऑटोनॉमस अंडरवाटर वाहन, दूर से संचालित वाहन, साइड स्कैन सोनार, डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली सहित अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों, सैटेलाइट बेस्ड पोजिशनिंग सिस्टम और स्थलीय सर्वेक्षण उपकरण से सुसज्जित है।
यह जहाज अपने पुराने संधायक रूप से अपने वर्तमान अवतार में दोबारा आया है। पिछले संधायक को 4 जून 21 को सेवामुक्त कर दिया गया था। नया संध्याक दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। 110 मीटर लंबाई, 3400 टन वजनी और 80 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ, संधायक आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में भारत की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता का एक सच्चा प्रमाण है।