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PM मोदी के दौरे से पहली डैमेज कंट्रोल में जुटी ममता सरकार

कोलकाता। पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे से पहले ममता सरकार पूरी ताकत से संदेशखाली में हुए महिला यौन उत्पीड़न के मामले दबाने की कोशिश में जुट गई है। जानकारी के अनुसार ममता सरकार में बैठे लोगों ने अफसरों को यौन उत्पीडन को लेकर अपना मुंह बंद रखने का आदेश दिया है। कहा जा रहा है कि, पीड़ितों को जमीन और पैसे देकर चुप करवाने की कोशिश की जा रही है।

 यौन उत्पीडन के आंकड़ों पर अफसर मौन

संदेशखाली में लगे राज्य सरकार के अस्थायी कैंपों में एक हफ्ते के अंदर 1300 से ज्यादा शिकायतें आई हैं। इसमें ममता सरकार के अफसरों का कहना है कि इनमें जमीन हड़पने की 400 से ज्यादा शिकायतें हैं। लेकिन जब उनसे यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर पूछते हैं तो वे चुप हो जाते हैं। संदेशखाली के ब्लॉक-1 के बीडीओ अरुण कुमार सामंत इन शिकायतों के सवाल पर दो टूक कह रहे हैं कि यह नहीं बता सकूंगा। कैंप खत्म होने का इंतजार कीजिए। जबकि एक दिन पहले अनुसूचित जनजाति आयोग ने बताया था कि उसके पास आदिवासी महिलाओं से यौन उत्पीड़न की 50 से ज्यादा शिकायतें हैं। सामंत से जब इस बारे में पूछा तो वे बोले- आप आयोग से लिस्ट ले लीजिए। फिलहाल कैंप में मौजूद कोई भी अफसर यौन उत्पीड़न के मामलों का आंकड़ा नहीं दे रहा।

किसी को भी मामले में कुछ न कहने का आदेश

सूत्रों के मुताबिक, अफसरों को चुप रहने को कहा गया है। एक दिन पहले संदेशखाली पहुंचे सीएम ममता बनर्जी के मंत्रियों ने महिलाओं से मुलाकात के बाद अफसरों को चुप रहने के निर्देश दिए थे। यहां कई महिलाओं ने मंत्रियों का विरोध किया था। इस बीच, संदेशखाली मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों में घिरीं ममता ने 10 मार्च को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की बड़ी रैली बुलाई है।

संदेशखाली गए टीएमसी नेता को मारने दौड़ी महिलाएं, घर में छुपकर बचाई जान

सूत्रों के मुताबिक, रविवार को जब बंगाल सरकार के दो मंत्री पार्थ भौमिक और सुजित बसु संदेशखाली के हालदारपाड़ा पहुंचे, तो महिलाएं इन पर बरस पड़ीं। दरअसल, मंत्रियों ने इन्हें मुआवजे के तौर पर कुछ राशि और जमीन का बकाया पैसा दिलाने का आश्वासन दिया तो महिलाएं आग बबूला हो गई। उन्होंने कहा कि क्या सरकार मामूली पैसा देकर हमारी इज्जत की कीमत लगा रही है? थोड़ी देर बाद जब टीएमसी का एक और नेता अजीत मैती पहुंचा तो लोग उसे मारने दौड़े। अजीत 4 घंटे एक घर में छिपा रहा। बाद में पुलिस ने उसे बचाया। अजीत मुख्य आरोपी शाहजहां शेख का स्थानीय गुर्गा है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम को पुलिस ने नहीं जाने दिया

रविवार को इलाके का दौरा करने पहुंची स्वतंत्र फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को पुलिस ने रोक दिया। विवाद बढ़ा तो छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया। टीम में पटना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जैसे नामी सदस्य हैं।

असली राक्षस अभी भी फरार

गौरतलब है कि, संदेशखाली कांड का मुख्य आरोप शाहजहां शेख अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। संदेशखाली की पीड़िताओं का कहना है कि, वो और उसके लोगों ने उनका यौन शौषण किया और उनकी जमीनें हड़पी। गौर करने वाली बात ये है कि, आरोपी और उसके गुर्गे केवल हिंदू महिलाओं को ही अपना शिकार बनाते थे। मुस्लिम महिलाओं को वे कुछ नहीं करते थे ऐसा पीड़िताओं ने आरोप लगाया है।

अगले महीने पीएम मोदी करने वाले है पश्चिम बंगाल का दौरा

बता दें कि, अगले महीने पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मुलाकात कर सकते है। इस दौरे को लेकर ममता सरकार के हाथ-पांव फूले हुए है। सीएम ममता जानती है की अगर पीएम ने उनकी सरकार के नाक के नीचे हुए इस कुकृत्य पर एक बयान भी दिया तो बंगाल की आबो हवा बदल जायेगी।

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