आज का पंचांग, आज से मार्गशीर्ष माह यानी अगहन का प्रारंभ हो रहा है. आज के दिन मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा तिथि, कृत्तिका नक्षत्र, परिघ योग, विष्टि बालव, पूर्व का दिशाशूल और वृषभ में चंद्रमा है. मार्गशीर्ष माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और यमुना में स्नान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस माह में गीता का पाठ करने से लाभ होता है. भगवान विष्णु के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप कल्याणकारी है, जिससे मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं. मार्गशीर्ष में श्रीकृष्ण पूजा में तुलसी के पत्ते का उपयोग अवश्य करें. इस माह में तुलसी, गर्म वस्त्र, भोजन, अन्न, गीता आदि का दान करने से पुण्य लाभ होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष माह को स्वंय के समान ही फल देने वाला बताया है.
आज शनिवार व्रत है. इस दिन कर्मफलदाता शनि देव की पूजा करते हैं. इसके लिए आप सुबह में शनि मंदिर जाएं. वहां पर शनि महाराज को सरसों का तेल, काला तिल, काले या नीले वस्त्र, शमी के पत्ते, फूल आदि अर्पित करें. शनि चालीसा का पाठ करें. आप पर शनि देव प्रसन्न होंगे और कष्टों को दूर करेंगे. साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव है तो आपको छाया दान करना चाहिए. एक कटोरे में सरसों का तेल भर दें और उसमें अपना चेहरा देखें. उसके बाद उसे किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें.
हालांकि आपके कर्म के अनुसार ही शनि देव फल देते हैं, ऐसे में व्यक्ति को सदकर्म ही करने चाहिए. पाप, चोरी, जुआ, शराब जैसी गलत आदतों से दूर रहना चाहिए. शनिवार को बीमार, निर्धन, असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं. कुंडली के शनि दोष को दूर करने के लिए लोहा, काला तिल, सरसों का तेल, शनि चालीसा, कंबल, काला छाता, स्टील के बर्तन आदि का दान करना चाहिए. आज के पंचांग से जानते हैं सूर्योदय, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया मुहूर्त आदि.
आज का पंचांग, 16 नवंबर 2024
आज की तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा, 11:50 पी एम तक, फिर द्वितीया
आज का नक्षत्र- कृत्तिका – 07:28 पी एम तक, उसके बाद रोहिणी
आज का करण- बालव – 01:21 पी एम तक, कौलव – 11:50 पी एम तक, फिर तैतिल
आज का योग- परिघ – 11:48 पी एम तक, उसके बाद शिव
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- वृषभ
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:45 ए एम
सूर्यास्त- 05:27 पी एम
चन्द्रोदय- 05:38 पी एम
चन्द्रास्त- 07:06 ए एम
आज के शुभ मुहूर्त और योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: 07:28 पी एम से 06:45 ए एम, नवम्बर 17
अमृत सिद्धि योग: 07:28 पी एम से 06:45 ए एम, नवम्बर 17
ब्रह्म मुहूर्त: 04:58 ए एम से 05:52 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:44 ए एम से 12:27 पी एम
विजय मुहूर्त: 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
अमृत काल: 05:19 पी एम से 06:45 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:27 पी एम से 05:53 पी एम
दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 08:05 ए एम से 09:25 ए एम
चर-सामान्य: 12:06 पी एम से 01:26 पी एम
लाभ-उन्नति: 01:26 पी एम से 02:46 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 02:46 पी एम से 04:07 पी एम
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 05:27 पी एम से 07:07 पी एम
शुभ-उत्तम: 08:47 पी एम से 10:26 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 10:26 पी एम से 12:06 ए एम, नवम्बर 17
चर-सामान्य: 12:06 ए एम से 01:46 ए एम, नवम्बर 17
लाभ-उन्नति: 05:06 ए एम से 06:45 ए एम, नवम्बर 17
अशुभ समय
राहुकाल- 09:25 ए एम से 10:46 ए एम
गुलिक काल- 06:45 ए एम से 08:05 ए एम
यमगण्ड- 01:26 पी एम से 02:46 पी एम
दुर्मुहूर्त- 06:45 ए एम से 07:28 ए एम, 07:28 ए एम से 08:10 ए एम
दिशाशूल- पूर्व
रुद्राभिषेक के लिए शिववास
गौरी के साथ – 11:50 पी एम तक, उसके बाद सभा में.