बिलासपुर। छत्तीसगढ़ चर्चित शराब घोटाला केस को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ईडी ने स्पेशल कोर्ट में छत्तीसगढ़ में संचालित तीन शराब कारोबारियों की कंपनियों को आरोपी बनाने के संबंध में याचिका पेश कर दी है। ईडी ने अपनी याचिका में इस बात का पुख्ता सबूत पेश करते हुए आशंका जताई है कि शराब घोटाले में शराब कंपनियों के अलावा छत्तीसगढ़ में संचालित तीन डिस्टलरी के संचालकों की भी बड़ी भूमिका रही है। लिहाजा तीनों को आरोपी बनाने के संबंध में स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ईडी की याचिका को स्वीकार करते हुए स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई की तिथि तय कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वाइन डिस्टलरीज संचालकों की परेशानी बढ़ेगी। इनकी गिरफ्तारी को लेकर अभी से ही अटकलें भी लगाई जाने लगी है।
बता दें कि, ईडी ने छत्तीसगढ़ की जिन तीन डिस्टलरी को आरोपी बनाने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर की है उसमें से एक बिलासपुर व एक मुंगेली जिले में संचालित की जा रही है।
क्या है शराब घोटाला ?
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में ढाई हजार करोड़ से भी अधिक का शराब घोटाला हुआ है। अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के पूर्व MD अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के डायरेक्टर विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के अकाउंटेंट सुनील दत्त और प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फ़िल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के स्टेट हेड दिलीप पांडे पर छत्तीसगढ़ के नकली होलोग्राम मामले का आरोप है।
शराब घोटाले में लगाए गए आरोप के मुताबिक प्रिज्म होलोग्राफ़ी कंपनी के मालिक विधु गुप्ता ने वर्ष 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टिलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। नकली होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद, इन बोतलों को फर्ज़ी ट्रांज़िट पास के साथ CSMCL की दुकानों तक पहुंचाया जाता था। यह सब करने के लिए छत्तीसगढ़ में एक संगठित गिरोह सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था। संगठित गिरोह ने राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है।
ईडी के अनुसार, यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच चला। माना जाता है कि इस घोटाले को अलग-अलग चरणों में अंजाम दिया गया। सबसे पहले, शराब की खरीद के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई। दूसरे, बेहिसाब देशी शराब बेची गई, जिसकी सारी बिक्री को किताबों में दर्ज नहीं किया गया।
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला कैसे हुआ उजागर…?
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार में अफसर रहे पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर महापौर एजाज ढेबर का भाई अनवर धेनर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया। आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने अब तक की जांच, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है।
ED ने अपनी चार्जशीट में बताया, किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। ED ने चार्जशीट में कहा है कि साल 2017 में अच्छे मकसद से आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। ED ने अपनी चार्जशीट में 3 स्तर का घोटाला बताते हुए इसे भाग A, B, C में बांटा है।
भाग A के तहत CSMCL के MD अरुणपति त्रिपाठी को अपने पसंद के डिस्टिलर की शराब को परमिट करना था, जो रिश्वत-कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए थे। देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, जिसे त्रिपाठी डिस्टिलर और सप्लायर से कमीशन लेकर एक्सेलशीट तैयार करते, किससे कितना कमीशन आया, उसे अनवर ढेबर को दिया जाता था।
भाग B के तहत अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने देशी शराब और अंग्रेजी शराब ब्रांड के होलोग्राम बनाकर बेहिसाब शराब CSMCL की दुकानों में बेचीं, जिससे सीधे तौर से राजस्व की राज्य को हानि हुई।
भाग C में डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर से एनुअल कमीशन शामिल है। आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल था।