प्रयागराज विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ का मेज़बान बनने जा रहा है, इस बार विशाल विकास और तैयारियों के साथ इसका आयोजन करेगा। आगामी महाकुंभ के लिए डबल इंजन सरकार की पहल से सैकड़ों करोड़ की विकास परियोजनाएं मूर्त रूप ले चुकी हैं। इन तैयारियों का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, स्वच्छता और संचार के साथ-साथ श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है। संगम तट के किनारे से लेकर पूरे शहर में विकास कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे प्रयागराज के सौंदर्य में भी वृद्धि हो रही है।
महाकुंभ के लिए शहर में बड़े बदलाव
महाकुंभ के आयोजन से पहले प्रयागराज में सभी प्रमुख सार्वजनिक सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सड़कें, चौराहे, और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इसके अलावा, शहर के प्रमुख मंदिरों और पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक इन स्थलों की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को नये रूप में देख सकेंगे।
गूगल नेविगेशन: आध्यात्मिकता और तकनीक का संगम
इस बार महाकुंभ में गूगल नेविगेशन का समावेश किया जाएगा, जो भारतीय आध्यात्मिकता और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम होगा। यह सुविधा श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को आसान बनाएगी और उन्हें महाकुंभ के अनुभव को और भी दिव्य और सुविधाजनक बनाएगी। डिजिटल सुविधाओं के इस मिश्रण से श्रद्धालु आसानी से संगम, महत्वपूर्ण मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों तक पहुँच सकेंगे।
कैसे पहुंचे प्रयागराज
रेलवे: प्रयागराज भारतीय रेल से भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां 10 रेलवे स्टेशन हैं और यात्रियों को आसानी से IRCTC साइट से बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है।
हवाई मार्ग: प्रयागराज का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, कोलकाता और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग: प्रयागराज को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के माध्यम से अन्य शहरों से जोड़ा गया है। इस बार महाकुंभ में 550 सिटी बसों और 7000 रोडवेज बसों का संचालन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन की वेबसाइट से बुकिंग की जा सकती है।
महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियों में प्रयागराज में बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं, जिससे यह आयोजन श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव बनेगा। सरकार की इन पहलों से न केवल शहर का सौंदर्य बढ़ेगा, बल्कि यह आयोजन आधुनिक तकनीक और पारंपरिक आध्यात्मिकता के संगम का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
प्रमुख स्नान तिथियां
13 जनवरी – 2025 पौष पूर्णिमा
14 जनवरी – मकर संक्रांति
29 जनवरी- मौनी अमावस्या
3 फरवरी- बसंत पंचमी
12 फरवरी- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी- महाशिवरात्रि
इस बार के महाकुंभ में पहले की तुलना में अत्यधिक भव्य आयोजन होगा। इसका अंदाजा आप इसकी तैयारी से ही लगा सकते हैं।
भाग लेने वाले संगठन
2019: 5721
2025: 10000 (अनुमानित)
मेला क्षेत्रफल
2019: 3200 हेक्टेयर
2025: 4000 हेक्टेयर
घाटों की लम्बाई
2019: 8 किमी
2025: 12 किमी
सेक्टर्स
2019 20
2025 25
पार्किंग क्षेत्रफल
2019: 1291 हेक्टेयर
2025: 1850 हेक्टेयर
कल्पवासियों की संख्या
2019: 10 लाख
2025: 15-20 लाख
पाण्टून पुल की संख्या
2019: 22
2025: 30
चेकर्ड प्लेट मार्गो की लम्बाई
2019: 299 किमी
2025: 450 किमी
स्ट्रीट लाइट की संख्या
2019: 47000
2025: 67000
टेन्ट की संख्या
2019: 80000
2025: 150000
सार्वजनिक आवास की संख्या
2019: 20000
2025: 25000
शौचालय की संख्या
2019: 114500
2025: 150000