बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। यहां जिले के मिशन अस्पताल पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर निगम ने अतिक्रमण दस्ते पर बुलडोजर की कार्रवाई कर अवैध कब्जा को हटाना शुरू किया है। पता चला है कि, करोड़ों की सरकारी जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल, बिलासपुर की साल 1885 में स्थापना हुई थी। सेवा के नाम से मिशन अस्पताल को 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि के अनुसार 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी, लीज में मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर के अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी 30 सालों तक प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया था।
इसके साथ ही शर्तों का उल्लंघन करते हुए डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ाकर लाखों रुपए की कमाई करने लगे। कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित किया जा रहा था। जिसे बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने मिशन हॉस्पिटल के लीज की शर्तों का उल्लंघन करने पाए जाने पर दस्तावेजों की पड़ताल के निर्देश दिए थे। तत्पश्चात जांच में यह खुलासा हुआ कि, 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी और सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग कर लाखों की कमाई की जा रही थी।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि, 92069 वर्ग फिट जमीन अन्य व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर कर विक्रय भी किया गया। जिसका पता चलने पर बिलासपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे को यह मामला सौपा गया था। जिसकी जांच कर मामले में सुनवाई की गई। जिसमें पूर्व कमिश्नर के स्टे के आदेश को खारिज कर दिया था। जिसके बाद आज जिला प्रशासन और निगम ने अस्पताल भवन को जमीदोज करने की कार्रवाई में जुट गया है।
रायपुर में भी खुलीं ऐसी कई फाइलें
इसके आलावा राजधानी रायपुर में भी ऐसी कई फाइलें है, जो की प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई के लिए एकदम फिट बैठती है, किन्तु केवल कागजों के खेल ने इन्हे रोका हुआ है। उच्चस्तर जांच में पता चला है कि, रायपुर कलेक्टर डा. गौरव कुमार ने भी ऐसे कई विवादित भवनों की फाइलें निकलवाने के निर्देश दिए हैं, ताकि उनकी यथास्थिति और कार्रवाई की संभावनाओं पर प्रशासन फैसले पर पहुंच सके। बिलासपुर प्रशासन ने मिशन अस्पताल को लेकर जिस गोपनीयता से यह फैसला लिया, रायपुर में भी उसी तरह, कुछ फैसले हो सकते हैं। सूत्रों से यह भी पता चला है कि, नगरीय प्रशासन विभाग और रायपुर प्रशासन के बीच ऐसे मामलों को लेकर मंथन शुरू भी हो चुका है। हालांकि, इस बारे में ऊपर से नीचे तक के अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।