रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) घोटाला मामले में गिरफ्तार सभी सात आरोपितों के खिलाफ गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में करीब 400 पन्नों का आरोप पत्र के साथ 2,000 पन्नों का दस्तावेज पेश किया गया। आरोप पत्र में दावा किया गया कि पेपर लीक कर पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया। बता दें कि, कोर्ट में सातों आरोपियों की न्यायिक रिमांड खत्म होने पर उन्हें दोबारा पेश किया गया था। जिसपर कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सातों की न्यायिक रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी है। 30 जनवरी को आरोप पत्र पर बहस होगी। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि ये पर्चे सोनवानी ने अपने भतीजे नितेश और साहिल को दिए, जो बाद में डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी बने।
सोनवानी के आदेश पर ही प्रश्न-पत्र बजरंग इस्पात के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल तक पहुंचाए गए थे। श्रवण ने इन्हें अपने बेटे शशांक और बहू भूमिका कटियार को दिए। ये डिप्टी कलेक्टर बने। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में इस साजिश का सिलसिलेवार जिक्र किया है। चार्जशीट में लिखा है कि टामन सिंह और आरती वासनिक ने मेसर्स एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अंतिम मुद्रण से पहले सभी 7 प्रश्न पत्रों की समीक्षा/अनुमोदन किया था।
पीएससी-2021 मामले में सीबीआई की चार्जशीट में क्या लिखा ?
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2020 प्रश्न पत्र प्रकाशन को लेकर टामन सिंह और परीक्षा नियंत्रक आरती ने मे. एकेडी प्रिंटर प्रा. लि. के अरुण कुमार द्विवेदी के साथ रायपुर में मीटिंग की। दोनों के बीच 17.8.2020 को अनुबंध हुआ कि 2 प्रश्न-पत्र सेट करना। इसमें वासनिक ने दस्तखत किए थे।
17 अगस्त 2020 से जनवरी 2022 तक अनुबंध के तहत मे. एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने दोनों प्रश्न पत्रों में 50-50 प्रश्न दिए। सामान्य अध्ययन पेपर-1 के लिए 55 और एप्टीट्यूड टेस्ट पेपर-2 के लिए 82 प्रश्न। आरती वासनिक को प्रत्येक पेपर में 100 प्रश्नों की समीक्षा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए सीलबंद लिफाफे में फर्म के महेश दास जनवरी 2022 में रायपुर भेजे गए थे।
जनवरी 2022 महेश सीजीपीएससी दफ्तर पहुंचे। आरती को सीजीपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा के ड्राफ्ट प्रश्न-पत्रों को सीलबंद दिए, जो गुप्त दस्तावेज थे। महेश ने द्विवेदी को इसकी जानकारी दी। इस पर द्विवेदी ने कहा- तुम 2/3 दिन रुको। वासनिक से वही सीलबंद लिफाफा लेके आना। 2 दिन बाद महेश को द्विवेदी का फोन आया कि आरती के निवास से सीलबंद लिफाफा लिया। महेश सेक्टर 17 नया रायपुर में वासनिक के घर पहुंचा तो वहां टामन सिंह मौजूद थे। महेश ने सीलबंद लिफाफा लिया, जिसमें सीजीपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र थे। जिन्हें सोनवानी की सलाह पर वासनिक ने अनुमोदित किया गया था। उसके बाद महेश कोलकाता गया, लिफाफा द्विवेदी को सौंपा।
नितेश, साहिल, शशांक व भूमिका का एक ही था परिक्षा केंद्र
8 मार्च 2022 को प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ। इसमें 2548 अभ्यर्थी मेन्स (मुख्य परीक्षा) के लिए चयनित हुए। इसमें शशांक गोयल, भूमिका कटियार, नितेश और साहिल शामिल थे। इन्होंने मेन्स के लिए आवेदन किए तो इन्हें वही रोल नंबर दिए गए जो कि प्रारंभिक परीक्षा में दिए गए थे। चारों को जेआर दानी गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल, कालीवाडी चौक रायपुर में मुख्य परीक्षा का सेंटर मिला था। 15 मई 2022 को मेन्स का प्रवेश पत्र जारी हुआ।
11 मई 2023 को अंतिम परिणाम जारी होने के साथ शुरू हुआ विवाद
बता दें कि, मुख्य परीक्षा(मेंस) का परिणाम में 509 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इंटरव्यू के बाद फाइनल रिजल्ट 11.05.2023 को जारी हुआ जिसमें 170 का चयन हुआ। शशांक, भूमिका और नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर, तो साहिल डिप्टी एसपी चयनित हुए। फाइनल रिजल्ट में टामन सिंह और सीजीपीएससी सदस्य प्रवीण वर्मा के दस्तखत थे। रिजल्ट जारी होते ही भाई-भतीजावाद के आरोप लगे। तब ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। जिसके बाद भाजपा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए।
बेटा-बहू ने दिए 45 लाख, रडार पर 30 से अधिक उम्मीदवार
बता दें कि, सीबीआई की जांच में पता चला कि उद्योगपति श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार ने खुद ही टामन सिंह को 45 लाख रुपये दिए थे। इसके ठोस डिजिटल सबूत भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई जल्द ही कुछ और उम्मीदवारों को गिरफ्तार कर सकती है। उनके राडार पर 30 से अधिक उम्मीदवार व अन्य हैं।