छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आंतरिक राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना के बीच वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान भगत ने कहा कि टीएस सिंहदेव हमारे नेता हैं और जो भी प्रदेश अध्यक्ष बनेगा, उसे उनका पूरा समर्थन मिलेगा। हालांकि, उन्होंने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि बस्तर और सरगुजा दोनों संभागों के आदिवासी नेताओं को समान दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए।
भगत की यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस के भीतर आदिवासी नेताओं के प्रतिनिधित्व को लेकर एक नई बहस को जन्म देती है। उनके अनुसार, सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं को संगठन में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है, और उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है। यह बयान तब आया है जब टीएस सिंहदेव के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की चर्चा तेज हो रही है। हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएस सिंहदेव ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष बनाए जाने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है और भगत ने जो बयान दिया है, वह सहज ही कहा है।
यह मामला कांग्रेस पार्टी में आदिवासी नेताओं की भूमिका और उनके प्रतिनिधित्व को लेकर बढ़ती चिंताओं को उजागर करता है। अमरजीत भगत पहले भी इस विषय पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं, और अब उन्होंने संकेतों में अपनी असहमति को जाहिर किया है। राज्य में कांग्रेस पार्टी के लिए आदिवासी नेताओं का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है, और भगत के बयान ने एक बार फिर पार्टी के भीतर आदिवासी नेतृत्व की आवाज को लेकर चर्चा शुरू कर दी है।