दिल्ली एनसीआरराष्ट्रीय

अयोध्या: 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे होगा रामलला का सूर्य तिलक, वैज्ञानिकों की टीम पहुंची; हर साल बढ़ता जाएगा समय

अयोध्या। राम जन्मोत्सव के दिन रामलला के सूर्य तिलक की व्यवस्था स्थायी हो गई है। इस रामनवमी से लगातार 20 सालों तक रामजन्मोत्सव पर सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक करेंगी। मंदिर के शिखर से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। इसके लिए खास तरह के मिरर और लेंस लगाए जा रहे हैं। रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम अयोध्या पहुंच गई है और सूर्य तिलक के लिए उपकरण लगाने का काम शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 19 सालों तक सूर्य तिलक का समय हर साल बढ़ता जाएगा।

वैज्ञानिकों की टीम ने इसके लिए एक प्रोग्राम विकसित कर कम्प्यूटर में फीड कर दिया है। इस बार रामजन्मोत्सव का पर्व छह अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन ठीक दोपहर 12:00 बजे रामलला का सूर्य तिलक होगा। रामलला के माथे पर यह विशेष सूर्य तिलक प्रत्येक रामनवमी यानी भगवान राम के जन्मदिन पर उनके माथे पर सजेगा। वैज्ञानिकों ने इसे ”सूर्य तिलक मैकेनिज्म” नाम दिया है। सीबीआरआई (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर रामनवमी को दोपहर 12 बजे 75 मिमी के गोलाकार रूप में करीब तीन से चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की मूर्ति के माथे पर पड़ेंगी। गियर-बेस्ड सूर्य तिलक मैकेनिज्म में बिजली, बैटरी या लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा।

इस तरह होगा सूर्य तिलक
सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रुड़की ने एक खास ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। इसमें मंदिर के तीसरे तल पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी। दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर ये किरणें एक पीतल के पाइप में जाएंगी। पाइप के छोर पर एक दूसरे दर्पण से सूर्य किरणें एक बार फिर से परावर्तित होंगी और पीतल की पाइप के साथ 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी। दूसरी बार परावर्तित होने के बाद सूर्य किरणें लंबवत दिशा में नीचे की ओर चलेंगी। किरणों के इस रास्ते में एक के बाद एक तीन लेंस पड़ेंगे, जिनसे इनकी तीव्रता और बढ़ जाएगी। इसके बाद लंबवत पाइप के दूसरे छोर पर लगे दर्पण पर किरणें पड़ेंगी और दोबारा 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी। 90 डिग्री पर मुड़ी ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। इस तरह से रामलला का सूर्य तिलक पूरा होगा।

चंद्र कैलेंडर से निर्धारित होती है राम नवमी की तारीख
भारतीय खगोलीय भौतिकी संस्थान बंगलूरू के रिसर्च के मुताबिक, हर साल सूर्य तिलक का समय बढ़ता जाएगा। 19 साल तक टाइम कुछ न कुछ बढ़ेगा। उसके बाद फिर से 2025 की रामनवमी की तरह ही रिपीट होगा। यानी 2025 रामनवमी को सूर्य तिलक जितनी देर का होगा। 19 साल बाद 2044 में भी उतनी ही देर के लिए सूर्य तिलक होगा। राम नवमी की तारीख चंद्र कैलेंडर से निर्धारित होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में भारत के प्रमुख संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने चंद्र व सौर (ग्रेगोरियन) कैलेंडरों के बीच जटिलतापूर्ण अंतर के कारण आने वाली समस्या का समाधान किया है। यह एक दिलचस्प वैज्ञानिक प्रयोग था। इसमें दो कैलेंडरों के 19 साल के रिपीट चक्र ने समस्या को हल करने में मदद की।

इन मंदिरों में होता है सूर्य तिलक
सूर्य तिलक मैकेनिज्म का उपयोग पहले से ही कुछ जैन मंदिरों और कोणार्क के सूर्य मंदिर में किया जा रहा है। हालांकि उनमें अलग तरह की इंजीनियरिंग का प्रयोग किया गया है। राम मंदिर में भी मेकैनिज्म वही है, लेकिन इंजीनियरिंग अलग है।

Related posts

विवादों में घिरती जा रही राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा,भारत विरोधी सांसद इल्हान उमर से की मुलाकात तो हो गया बवाल, बीजेपी हमलावर

bbc_live

Earthquake: म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1002 हुई, 2376 घायल; भारत ने शुरू किया ऑपरेशन ब्रह्मा,भेजी गई राहत सामग्री

bbc_live

Petrol-Diesel Price: कितना सस्ता हुआ गुरुवार को पेट्रोल-डीजल? इस तरह जानें अपने शहर के ताजा रेट

bbc_live

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा का आज से शुरू, तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए देवभूमि तैयार

bbc_live

आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया शुरू

bbc_live

मिल गया दिवाली गिफ्ट, सोना के Rate पर लगा ब्रेक, चांदी ने किया उदास!

bbc_live

हरियाणा में हार देख कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

bbcliveadmin

साय सरकार का किसानों के हित में एक और बड़ा फैसला…लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

bbc_live

Gold-Silver Price Today: सोने-चांदी की कीमतों ने तोड़ी आम आदमी की कमर…चांदी ने भी दिखाया रंग…चेक करें आज के रेट

bbc_live

Gold and Silver rate today : आज आपके शहर में कितना है सोने-चांदी का लेटेस्ट रेट? जाने

bbc_live