INDIA ब्लॉक के नेताओं के बारी बारी एक जैसे बयान आ रहे हैं. ममता बनर्जी को छोड़ कर सभी नेता अयोध्या जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन 22 जनवरी के बाद. मुश्किल ये है कि अब सारे नेताओं के सामने अयोध्या समारोह के बहिष्कार के फैसले को सही साबित करने की चुनौती आ गई है.
राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर बारी बारी INDIA ब्लॉक के सभी नेताओं का रुख सामने आ रहा है. ममता बनर्जी और राहुल गांधी को छोड़ दें तो लगभग सभी नेता 22जनवरी के समारोह के बाद अयोध्या जाकर राम लला का दर्शन करने का वादा कर रहे हैं.
अयोध्या की जगह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंदिर दौरे और रैली का कार्यक्रम बता दिया है. प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी से भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अयोध्या से गुजरने को लेकर सवाल पूछे गये तो उनका कहना था कि यात्रा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से चलेगी. पूरी यात्रा का रूट प्लान पहले ही फाइनल हो चुका है, और उसमें आगे कोई बदलाव नहीं होने वाला है.
जैसे मायावती ने अपनी पार्टी बीएसपी के काम में व्यस्त होने की बात बताई थी, नीतीश कुमार सरकार के एक मंत्री ने 22 जनवरी के उनके पहले से तय कार्यक्रम गिना दिया है. लगे हाथ ये भी बता रहे हैं कि नीतीश कुमार अपने कार्यक्रम में बदलाव भी कर सकते हैं – INDIA ब्लॉक के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ये तो बता चुके हैं कि समारोह के बाद वो पूरे परिवार के साथ अयोध्या जाएंगे, लेकिन 22 जनवरी को विपक्ष के बाकी नेताओं की तरह वो क्या करने जा रहे हैं ये नहीं बताया है.