मुंबई: मराठा आरक्षण को लेकर विरोध कर रहे नेता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने नेता मनोज जरांगे की सभी मांगे मान ली है। जिस वजह से आंदोलन को समाप्त कर दिया गया है। वहीं मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गई है। हमारा विरोध अब खत्म हुआ। मैं शनिवार को CM के हाथ जूस पिऊंगा’।
जानकारी के अनुसार 20 जनवरी को मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए जालना से मुंबई तक पदयात्रा शुरू की थी। जिसके बाद वे 26 जनवरी को लाखों की संख्या में नवी मुंबई के वाशी पहुंचे। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी। भीड़ जमा होते ही महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी जरांगे से मुलाकात करने पहुंचे। जहां उन्होंने CM एकनाथ शिंदे से जरांगे की फोन पर बातचीत कराई।
मनोज जरांगे पाटिल की क्या थी मांग?
मनोज जरांगे ने मांग रखी थी कि अंतरावली सहित महाराष्ट्र के सभी मामले जो दर्ज हैं, उसे वापस लिया जाए। उसका सरकारी आदेश का पत्र उन्हें दिखाया जाए। आरक्षण पर फैसला आने तक मराठा समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा फ्री की जाए। इसके साथ ही सरकारी भर्ती में मराठाओ के लिए रिजर्व कोटा रखा जाए। इसके अलावा जरांगे ने अपने एक बयान में आगे कहा कि अभिलेख (नोंदि) खोजने में हमें भी मदद करनी होगी। अभिलेख मिलने पर सभी संगे-संबंधियों को प्रमाण पत्र दिया जाए। सगे-संबंधियों को लेकर अध्यादेश निकाला जाए।