BBC LIVE
राष्ट्रीय

‘अग्निपथ’ के खिलाफ कांग्रेस का न्याय युद्ध : खड़गे ने राष्ट्रपति को लिया पत्र, कहा- 2 लाख युवाओं को दी जाए सेना में नियुक्ति

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सैनिक भर्ती में लाखों युवाओं को धोखा देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इन युवाओं को न्याय दिलाने एक अभियान शुरू किया है, जिसका नाम जय जवान, अन्याय के विरुद्ध न्याय का युद्ध रखा गया है। इस अभियान के जरिये तीन सेनाओं में 2019-22 के बीच चयनित युवाओं को तत्काल नियुक्ति देने की मांग की गई है। साथ ही पुरानी व्यवस्था बहाल करने और अग्निपथ योजना तुरंत समाप्त करने की मांग की है। बता दें कि कांग्रेस के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच स्तंभ में से एक स्तंभ युवा न्याय है। इसे लेकर अब कांग्रेस आक्रामक हो गई। दिल्ली में सचिन पायलट और दीपेंद्र हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक पत्र लिखा है।

2 लाख से अधिक युवाओं को नहीं मिली नियुक्ति : राहुल गांधी

वहीं राहुल गांधी लगातार न्याय यात्रा के जरिये युवाओं की बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। वे अभी उत्तर प्रदेश की यात्रा में हैं। यात्रा के दौरान उप्र में पुलिस भर्ती पेपर लीक को मुद्दा बनाया। सरकार को परीक्षा रदद् करनी पड़ी। इस सफलता के बाद राहुल गांधी ने सेना भर्ती का उठाया है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद सशस्त्र बलों में 2 लाख से अधिक युवा चयनित हुए, लेकिन उन्हें नियुक्त नहीं दिया गया। इसके बदले में अग्निपथ योजना लायी गई। इसे कांग्रेस की सरकार आने पर बंद कर दिया जाएगा। सेना में पुरानी व्यवस्था को बहाल करेंगे।

अग्निपथ से युवाओं को हुई पीड़ा : खड़गे

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। इसमें खड़गे ने आग्रह किया कि करीब दो लाख नौजवानों के साथ न्याय किया जाए जिनका ‘चयन सेना की नियमित सेवा में होने की बावजूद उनकी भर्ती नहीं की गई। उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा इनकी भर्ती रोककर ‘अग्निपथ’ योजना लाई गई, जिसके कारण इन युवाओं को पीड़ा झेलनी पड़ रही है।

पुरानी व्यवस्था को खत्म करना सही नहीं : सचिन पायलट

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पायलट ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर कोई मांग नहीं थी और इससे कोई फायदा नहीं होगा, सिर्फ इससे सरकार के कुछ पैसे बचेंगे। कांग्रेस को लगता है कि पुरानी भर्ती योजना को लागू किया जाना चाहिए।

पायलट ने कहा कि सैन्य बलों को आधुनिक बनाने के लिए कुछ बदलाव किए जा सकते थे, लेकिन पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करना सही नहीं है। मोदी सरकार ने 14 जन 2022 को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। सरकार का यह निर्णय एकतरफा था। इसमें कहा ये गया कि सेना में भर्ती अग्निपथ योजना के माध्यम से की जाएगी। आधुनिकीकरण करना है। जबकि मोदी सरकार ने इस योजना को पैसा बचाने के लिए शुरू किया। एक तरफ सरकार का कहना है कि हम डिफेंस एक्सपोर्ट से बहुत पैसा कमा रहे हैं। आत्मनिर्भर हुए हैं। ऐसे में सरकार को हमारे सैनिकों के जीवन, उनके पेंशन और परिवार की सुख सुविधाओं के लिए काम करना चाहिए। अग्निपथ योजना का कांग्रेस पार्टी ने शुरुआत से ही विरोध किया है, क्योंकि ये सेना के साथ खिलवाड़ है।

आप भी पढ़ें खड़गे का पूरा पत्र

मैं आपको भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च अधिकारी के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर लिख रहा हूँ। यह मुद्दा लगभग दो लाख युवाओं के भविष्य को लेकर है, जिनका भविष्य भारत सरकार के फैसलों के कारण अंधकारमय हो गया है।

भारतीय सशस्त्र बलों की सेवा के लिए चयनित युवाओं से मैं हाल ही में मिला था। इन युवाओं को बेहद असंवेदनशीलता पूर्वक देशसेवा के अवसर से वंचित किया गया है। 2019 से 2022 के बीच लगभग दो लाख युवा पुरुषों और महिलाओं को सूचित किया गया कि उन्हें तीन सशस्त्र सेवाओं : भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना हेतु चयनित किया गया है। इन युवक-युवतियों ने सेना में चयन हेतु मानसिक, शारीरिक और लिखित परीक्षा पास करने के लिए तमाम बाधाओं व कठिनाईयों के बावजूद संघर्ष किया था।

31 मई 2022 तक उन्हें विश्वास था कि उन्होंने अपने सपने पूरे कर लिए हैं और बस अपने ज्वाइनिंग लेटर का इंतज़ार कर रहे हैं। दुर्भाग्य से उस दिन, भारत सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और इसके स्थान पर अग्निपथ योजना लागू करने के निर्णय ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।

अग्निपथ योजना के विषय पर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने लिखा है कि अग्निवीर भर्ती योजना से सेना ” आश्चर्यचकित ” रह गई और “नौसेना और वायुसेना के लिए यह अचानक से एक झटके की तरह आया।” इस योजना द्वारा सैनिकों के समानांतर एक कैडर बनाकर जवानों के बीच भेदभाव पनपेगा। अलग मेहनताने, सेवा लाभ और भविष्य से जुड़ी आशंकाओं के बीच इनको पूर्णकालिक सैनिक के समान ही सेवा देनी है। चार साल की सेवा के बाद इनमें से अधिकांश अग्निवीरों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। कुछ का यह भी मानना है कि अग्निपथ योजना सामाजिक अस्थिरता पैदा कर सकती है।

आपको यह पत्र लिखने का मेरा मुख्य उद्देश्य उन लाखों युवाओं के ऊपर हुए अन्याय को उजागर करना है, जिनके सपने भारत सरकार द्वारा किए गए वादे के बावजूद पूरे नहीं किए गए। देश के लाखों युवाओं ने इस सपने को पूरा करने की चाहत में अपने जीवन के कई साल लगा दिए हैं। साथ ही 250 रुपये प्रति आवेदन फॉर्म के हिसाब से 50 लाख आवेदकों का हिसाब लगाएं तो 125 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि भारत सरकार के पास इन बेरोज़गार युवाओं की है। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद बेरोजगार होने की हताशा और निराशा के कारण आत्महत्या की दुःखद ख़बरें भी आई हैं।

हमारे युवाओं को इस तरह से पीड़ित नहीं होने दिया जा सकता। मैं आपसे इन सभी युवाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने की अपील करता हूँ।

Related posts

हार्दिक पंड्या और नतासा स्टेनकोविक का तलाक, 70% संपत्ति होगी ट्रांसफर

bbc_live

Aaj Ka Panchang : आज है वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि, जानें पूजा करने से पहले शुभ-अशुभ समय

bbc_live

इस शानदार होटल में कल शादी करेंगे रकुल प्रीत और जैकी भगनानी, जानिए कितना है एक रात का खर्च

bbc_live

Leave a Comment

error: Content is protected !!