पवन साहू
सड़कों की खराब हालत से पूर्ववर्ती सरकार की भारी
किरकिरी हुई। दो वर्ष पूर्व जर्जर सड़कों के नाम पर विभाग के अधिकारी, ठेकेदार ने पेचवर्क, सुधार कार्य के लिये लाखों रूपये का भुगतान दर्शाया। लेकिन लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों ने इस सड़क की कभी सुध नहीं ली। आज दो वर्ष पूर्व कराये गये पेचवर्क, सुधार कार्य का स्थल पर कहीं अता-पता नहीं है। इसकी स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि यहां पदस्थ कुछ अधिकारियों ने अपने मुंहलगे ठेकेदार को करोड़ों रूपये की लागत से सड़क निर्माण का ठेका दे दिया जिसमें निविदा में उल्लेखित शतों का खुल्लमखुला उल्लंघन किया जा रहा है जिसके कारण जागरूक नागरिकों ने इस सड़क के निर्माण को लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि करोड़ों रूपये के इस कार्य का भौतिक सत्यापन, लोक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों को करना था जो अब तक नहीं हुआ है। संबंधित विभाग के अधिकारी पूरे कार्य के दौरान स्थल से नदारद रहते हैं और ठेकेदार के मेट अपनी मर्जी के हिसाब से सड़क निर्माण का कार्य करवा रहा है। यहां तक कि करोड़ों की लागत से हो रहे निर्माण कार्य का कहीं भी सूचना फलक नहीं लगाया गया है जबकि
शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी निर्माण कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व लागत की राशि, एजेंसी का नाम, कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति की तिथी का भी कहीं अता पता नहीं है। लोक निर्माण विभाग मंत्री अरूण साव ने पदभार संभालते ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, ठेकेदारों को दो टूक स्पष्ट चेतावनी दी है कि निर्माण कार्यों में स्थायित्व और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखकर कार्य करवाया जाये किंतु धमतरी के अधिकारी, ठेकेदार पर इसका कोई असर नहीं हुआ और दोनों की मिलीभगत से सड़कों की गुणवत्ता का माप कर ठेकेदार को शासकीय फंड से राशि आबंटित की गई है। श्यामतराई से सिहावा रोड और सेहराडबरी तक नवनिर्माणाधीन सड़क की लागत 16 करोड़ 84 लाख रूपये बताई जाती है। इस निर्माण कार्य के निविदा में जो शर्तें दर्शित थी उसका पालन नहीं हो रहा है। इतनी बड़ी सड़क का करोड़ों रूपये की लागत से निर्माण के पूर्व सड़क की साफ सफाई, उसका बेस इत्यादि का कहीं
अता पता नहीं है। रोलर, बेलन के नहीं चलने से सड़क का समतलीकरण बिगड़ा-बिगड़ा सा नजर आता है। कहीं डामर ऊपर है, कहीं नीचे है। इस वजह से वाहन हिचकोले खाती नजर आती है। बिना बेस डाले भारी भरकम राशि निर्माणाधीन सड़क में राजधानी में बैठे मुख्य अभियंता अथवा अन्य उच्चाधिकारी लोक निर्माण विभाग के लापरवाह अधिकारियों के भौतिक सत्यापन नहीं करने को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस सड़क की गुणवत्ता और स्थायित्व का पता भीषण गर्मी में चलेगा जहां बेस के नहीं होने से ये सड़कें धूप की तपिश से जगह जगह से उखड़ना प्रारंभ होगी, ऐसा लोगों का कहना है। श्यामतराई से सिहावा रोड और सेहराडबरी तक नवनिर्माणाधीन सड़कों का ठेका यहां एक ठेकेदार को दिया गया है जिसका दावा है कि मेरा धमतरी से लेकर राजधानी तक भारी पहुंच है। मेरा कोई बाल बांका नहीं कर सकता। जब इस मामले को लेकर जागरूक नागरिकों से बात की गई तो उन्होंने सड़क के निर्माण को
पायनियर
लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी लंबी-
चौड़ी सड़क का निर्माण बिना साफ सफाई किये, बिना बेस डाले कैसे करवाया जा रहा है। इनका यह भी कहना था कि वर्षों से इस सड़क के पेचवर्क के नाम पर लाखों रूपये लोक निर्माण विभाग ने खर्च किया है। लेकिन उक्त पेचवर्क काफूर की तरह गायब हो चुका था और धमतरी के लोग धूल, गर्दगुबार के कारण इसके निर्माण की लगातार मांग कर रहे थे।
लेकिन जब प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार आई तब इस सड़क के निर्माण के लिये राशि स्वीकृत हुई। लोक निर्माण विभाग मंत्री साव ने तमाम निर्माण कार्यों को, गुणवत्ता एवं स्थायित्व का विशेष ध्यान रखते हुए कार्य कराये जाने का निर्देश दिया था। लेकिन वर्षों बाद यह सड़क बनने का सौभाग्य शहरवासियों को प्राप्त हुआ किंतु जिस तरह निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह रात के अंधेरे में नजर तो नहीं आता, दिन चढ़ने पर इन सड़कों में चलने वाली वाहनों के हिचकोले यह सुनिश्चित करते हैं कि बिना रोलर चलाये इन सड़कों का समतलीकरण नहीं किया गया है। की यह कि विभाग के लोग इसमें दूसरा लेयर डालने बात कह रहे हैं जो कि हास्यास्पद है। जब बेस ही नहीं रहेगा सड़क का, तब दूसरा परत बिछाये जाने पर भी यही शिकायतें प्राप्त होंगी।
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