नैनीताल। हिमाचल प्रदेश में लगातार जंगल धधक रहे हैं। पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में जंगलों में आग लगने की 67 घटनाएं दर्ज हुई हैं। इनमें 467.75 हेक्टेयर भूमि में वन संपदा को नुकसान हुआ है। वहीं, नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। आग ने शुक्रवार देर रात एक घर को भी अपनी चपेट में ले लिया।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार शाम तक धर्मशाला वन सर्किल में आग की सबसे अधिक 25 घटनाएं दर्ज हुई हैं। मंडी सर्किल में 13, हमीरपुर में 10, बिलासपुर में एक, चंबा में एक, नाहन में 11, शिमला में दो, सोलन में चार घटनाएं हुईं। बिलासपुर सर्किल में 32 हेक्टेयर, चंबा में दो हेक्टेयर, धर्मशाला में 61.45 हेक्टेयर, हमीरपुर में 157 हेक्टेयर, मंडी में 97.7 हेक्टेयर, नाहन में 38.7 हेक्टेयर, शिमला में 56 हेक्टेयर और सोलन में 22.7 हेक्टेयर वन भूमि पर आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में अभी तक गर्मियों का सीजन शुरू होने के बाद से आग लगने की कुल 381 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें 2,705.84 हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुंचा है। इस वन भूमि में पिछले साल बरसात में किया गया पौधरोपण क्षेत्र भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट कह चुका वनों को बचाया जाए
नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर भी काबू नहीं हो पाया है। अब आग ने घर को चपेट में लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को शीघ्र काबू में करने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा था कि बहुमूल्य वनों को आग के खतरों से बचाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा था कि राज्य में आग की घटनाओं के संबंध में दायर मुकदमा कोई प्रतिकूल मुकदमा नहीं है।