BBC LIVE
BBC LIVEraipurtop newsछत्तीसगढ़राज्य

कोनी क्षेत्र के कछार और लोफन्दी में जमकर हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन, प्रतिदिन 200 ट्रैक्टर से अधिक रेत निकाली जा रही, कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति

कोनी क्षेत्र के कछार और ग्राम लोफन्दी में अरपा नदी के सीने को छलनी कर रेत का अवैध उत्खनन जारी है और यह सब कुछ खनिज विभाग और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है ।
रेत का यह अवैध कारोबार स्थानीय सरपंच और ग्रामीणों द्वारा संगठित रूप से किया जा रहा है, उन्होंने सरकारी मशीनरी को भी अपने मुताबिक ढाल लिया है। सरकारी दावे के उलट कोनी क्षेत्र के कछार में ही प्रतिदिन 200 से अधिक ट्रैक्टर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। बरसात होने के कारण नदी से रेत निकालने की मनाही है लेकिन इसकी धज्जियां उड़ाते हुए रेत माफिया द्वारा रात को बड़े-बड़े मशीनों के माध्यम से रेत का उत्खनन किया जाता है और तड़के ही इनका परिवहन कर दिया जाता है।
इन दोनों 15 से 17 हजार रुपए प्रति हाईवा और 3000 से 3500 रुपए प्रति ट्रैक्टर के दर पर रेत बेचा जा रहा है।
दिन में तो घाट में शांति छाई रहती है लेकिन शाम होते ही यहां का नजारा बिल्कुल बदल जाता है। कछार और आसपास के गांव में हर घर के बाहर ट्रैक्टर , हाईवा या फिर रेत निकालने के लिए इस्तेमाल होने वाले मशीन देखे जा सकते हैं। साथ ही कई स्थानो पर रेत डंप भी किया हुआ है। यहां लगभग हर घर में कोई ना कोई सदस्य इस कार्य में लिप्त है।

आम आदमी और पत्रकारों की क्या कहें , इस क्षेत्र में पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी भी जाने से डरते हैं। बताया जाता है कि ग्रामीणों द्वारा बाकायदा यहां लठैत तैनात किए गए हैं जो बाहरी व्यक्तियों को देखते ही उनसे भिड़ जाते हैं । इस क्षेत्र में हो रहे रेत उत्खनन का मीडिया कवरेज करना भी आसान नहीं है। पत्रकारों को देखते ही यह लोग धमकी और मारपीट पर उतारू होते हैं ।इधर इस मामले में जब कोनी थाना से संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा तो पुलिस ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट कह दिया कि अवैध रेत उत्खनन खनिज विभाग का मामला है। वे तो मात्र खनिज विभाग द्वारा मदद मांगने पर केवल बल प्रदान करते हैं।

कानून व्यवस्था के उल्लंघन पर पुलिस द्वारा इस तरह की तटस्थता अपराधियों को संरक्षण देने जैसा है। खनिज विभाग के अधिकारी भी इस मामले में अक्सर खाना पूर्ति ही करते हैं। उन्हें भी पता है कि कौन और कितना रेत अवैध खनन कर रहा है। बावजूद इसके वे कभी-कभार दिखावे के लिए छुटपुट कार्रवाई करते हैं । नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके एकज में जिम्मेदार लोगों की जेब गर्म की जाती है । तभी यह अवैध कारोबार इस तरह से फल फूल रहा है । कछार और लोफन्दी क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार होने के कारण यहां वैध कारोबारी भी कतरा रहे हैं, क्योंकि उनका सीधा मुकाबला इन रेत माफिया से होता है और फिर टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

पुलिस और खनिज विभाग के कथित संरक्षण में यहां रेत का अवैध कारोबार जोरों पर है और हर दिन लाखों का वारा न्यारा किया जा रहा है।
इधर मीडियाकर्मियों ने मौका मुआयना कर स्थानीय लोगों से भी बातचीत की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि यहां अधिकांश लोग इसी काले कारोबार से जुड़े हुए हैं । बाहर से भी बाहुबलियों को इसी काम के लिए लाकर बसाया गया है। यह लोग इस कदर आक्रामक है कि रेत के अवैध उत्खनन के खिलाफ किसी भी गतिविधियों पर वे हमला करने से गुरेज नहीं करते। पूरा क्षेत्र किसी छावनी की तरह है जहां बाहरी व्यक्ति के प्रवेश करते ही उसकी निगरानी शुरू हो जाती है। आप सोच सकते हैं कि बिलासपुर जैसे शांतिप्रिय शहर से लगे एक इलाके में जैसे अलग देश बसा लिया गया है, जहां बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है । यह सब कुछ बिना प्रशासन के संरक्षण के संभव नहीं।
जी न्यूज़ द्वारा लगातार इस मामले को उठाया जाएगा। तब तक जब तक रेत का अवैध कारोबार बंद नहीं हो जाता।
एक तरफ रेत के अवैध उत्खनन से अरपा नदी को नुकसान हो रहा है तो वही रेत माफिया द्वारा लोगों से रेत की अनाप-शनाप कीमत वसूली जा रही है ।
अगर प्रशासनिक ईमानदारी बरती जाए, तो रात में इलाके में छापा मारना होगा, जिससे पूरे काले कारोबार का पर्दाफाश हो सकता है। बालू के इस अवैध कारोबार में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों की भूमिका है। क्षेत्र के प्रायः प्रायः सभी लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं, जिन्हें पंच और सरपंचों का संरक्षण है, जिनसे टकराने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा है। यही कारण है कि इस अवैध कारोबार पर लगाम कसना संभव नहीं हो रहा है।

Related posts

Fish Oil For Hair: हेयर फॉल से लेकर हेयर डैमेज तक की समस्या को दूर करता है मछली का तेल, जाने कैसे करें इसका इस्तेमाल

bbc_live

SP ने की बड़ी कार्रवाई, तत्काल प्रभाव से आरक्षक को किया निलंबित, इस वजह से गिरी गाज

bbc_live

3 नगरीय निकायों में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त

bbc_live

Leave a Comment

error: Content is protected !!