बस्तर: लोक संस्कृति से सराबोर मड़ई उत्सव की शुरुआत होने वाली हैं. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में पत्रवार्ता करते हुए जानकारी दी कि 21 सितंबर से बस्तर मड़ई उत्सव की शुरुआत होने जा रही है। यह 10 दिवसीय आयोजन बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान और पौराणिक धरोहरों को पर्यटकों तक पहुंचाने का प्रयास है। इस वर्ष विशेष रूप से “बस्तर मड़ई” थीम के माध्यम से पर्यटकों को सिर्फ रथ यात्रा और प्रसिद्ध जल प्रपातों तक सीमित न रहकर बस्तर की गहराइयों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
बस्तर के 580 पर्यटन स्थलों को इस आयोजन में शामिल किया गया है, जहां विभिन्न सर्किट्स के माध्यम से पर्यटक स्थानीय जीवनशैली को नजदीक से जान सकेंगे। कलेक्टर ने बताया कि दशहरा से पहले दसरा-पसरा में तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी, जिससे पर्यटक बस्तर की अनोखी रस्मों और संस्कृति का आनंद उठा सकें।
21 से 2 अक्टूबर तक होंगे यह आयोजन
– 21 सितंबर को लालबाग से माता मंदिर चौक तक सामूहिक नृत्य।
– 21 सितंबर से 1 अक्टूबर तक समुंद चौक से बस्तर आर्ट गैलरी तक बस्तर हाट आमचो खाजा।
– 22 सितंबर को मोचा पिंघना पारंपरिक परिधान पर आधारित कार्यक्रम दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
– 23 सितंबर को एमएलबी स्कूल में रंगोली प्रतियोगिता।
– 24 सितंबर को बस्तर नाचा दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
– 25 सितंबर को बस्तर के रंग पेंटिंग स्पर्धा सिटी ग्राउंड में।
– 26 सितंबर को फोटोग्राफी प्रदर्शनी वीर सावरकर भवन में।
– 27 सितंबर को पारंपरिक लोक संगीत दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
– 28 सितंबर को यूजन संगीत दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
– 29 सितंबर को बस्तर की कहानी व कवि समेलन दलपत सागर में।
– 30 सितंबर को बस्तरिया नाचा दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
– 1 अक्टूबर को चलित नृत्य विभिन्न स्थलों पर।
– 2 अक्टूबर से समुंद चौक से बस्तर आर्ट गैलरी तक पारंपरिक व्यंजन के फूड स्टॉल।