रायपुर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड दीपिका क्षेत्र में हुए बहुचर्चित मुआवजा घोटाले में CBI ने दो व्यक्तियों के मकान में छापा मारा है। इनमें से एक यहां की निजी कंपनी में जनरल मैनेजर है तो दूसरा व्यापारी है। इनके ऊपर फर्जी तरीके से जमीन और मकान के नाम पर करोड़ों का मुआवजा उठाने का आरोप है।
एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के दीपका क्षेत्र में आज तड़के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो स्थानीय निवासियों के घरों पर छापा मारा। यह कार्रवाई एसईसीएल प्रभावित खदान क्षेत्र में मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर की गई है।
सीबीआई की टीम सुबह 6 बजे दीपका निवासी राजेश जायसवाल और हरदीबाजार निवासी श्यामू जायसवाल के घर पहुंची। टीम ने इन दोनों व्यक्तियों के घरों पर दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी।
अपात्रों को लाभ, पात्र रह गए वंचित
एसईसीएल द्वारा खदान क्षेत्र से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाना था। इस मुआवजे के वितरण में कई गड़बड़ियों की शिकायतें पहले भी सामने आई थीं। आरोप है कि प्रभावित परिवारों को सही मुआवजा नहीं मिला, जबकि कई अपात्र लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
बता दें कि श्यामू जायसवाल हरदीबाजार क्षेत्र में संचालित हिन्द कोल वाशरी में जीएम है। उसके नाम पर कई गांवों में जमीन और मकान नहीं होने के बाद भी मुआवजा तैयार किया गया। उसे लगभग 11 करोड़ रूपये का मुआवजा दिए जाने की जानकारी सामने आयी है। वहीं राजेश जायसवाल के बारे में पता चला है कि उसने कम मुआवजा मिलने की शिकायत करते हुए उसे लेने से इंकार कर दिया है।
SECL के राजस्व अमले की प्रमुख भूमिका
TRP न्यूज़ को अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इस मुआवजा घोटले में SECL दीपका के जीएम, संचालन और अधिकारी (भू राजस्व) सहित सर्वे की टीम में शामिल अन्य अधिकारियों की भूमिका रही है। दीपका खदान के विस्तार में आने वाले गांवों में सर्वे करने वाली टीम ने जमकर फर्जीवाड़ा किया है, जिसकी कई लोगों ने शिकायत की है। अब इस मामले में CBI ने छापा मारा है।
सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद दीपका और हरदीबाजार क्षेत्र में हलचल मच गई है। स्थानीय निवासी इस छापेमारी को लेकर कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह छापेमारी कब तक चलेगी और जांच में क्या निष्कर्ष सामने आएंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।