कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया MUDA के कथित स्कैम में पहले ही चौतरफा घिरे हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार सवाल पूछ रही है. सिद्धारमैया के लिए गनीमत है कि उनकी पार्टी कांग्रेस उनके साथ खड़ी है. अब ऐसे ही एक मामले में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आ रहा है. खड़गे के परिवार की ओर से चलाए जाने वाले एक ट्रस्ट को जमीन अलॉट किए जाने के मामले में बीजेपी ने आरोप लगाए हैं कि यह प्लॉट गलत तरीके से दिया गया है. बीजेपी ने इसे एक और लैंड स्कैम नाम दिया है. वहीं कांग्रेस इस पर सफाई दे रही है कि ट्रस्ट को जो प्लॉट अलॉट किया गया है, वह पूरी तरह से नियमों के तहत है.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बेंगलुरु के एयरोस्पेस पार्क में इस ट्रस्ट को सिविक अमेनिटीज (CA) साइट वाली 5 एकड़ जमीन दिए जाने पर सवाल उठाए थे. बता दें कि खड़गे के परिवार की ओर से संचालित होने वाले इस ट्रस्ट का नाम सिद्धार्थ विहार एजुकेशन ट्रस्ट है. अब लहर सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने कहा है, ‘लहर सिंह को नियमों की कोई जानकारी नहीं है. CA जमीन सिर्फ ऐसी कोऑपरेटिव, ट्रस्ट और असोसिएशन को दी जा सकती है जो कम से कम 3 साल पुरानी हो. यह किसी व्यक्ति को नहीं दी जा सकती है.’
क्या है पूरा विवाद?
बता दें कि यह प्लॉट कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) ने अलॉट किया है. इसके बारे में रमेश बाबू ने कहा, ‘KIADB ने पिछले 40 साल CA प्लॉट अलॉट ही नहीं किए हैं. कुछ मामलों में हाई कोर्ट ने साफतौर पर कहा है कि CA प्लॉट सिर्फ असोसिएशन को दिए जा सकते हैं. यह CA साइट सिद्धार्थ विहार एजुकेशन ट्रस्ट को नियमों के तहत ही दी गई है.’
रमेश बाबू ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने अपील की है कि वह बताएं कि पिछली बीजेपी सरकार में किन संगठनों को कितने CA प्लॉट अलॉट किए गए. उन्होंने आरोप लगाए कि बीजेपी और उसके सहयोगी संघठनों को 70 से ज्यादा प्लॉट दिए गए हैं.
बता दें कि इस ट्रस्ट से खुद मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, दामाद और सांसद राधाकृष्ण डोड्डामणि, बेटे प्रियांक खड़गे और राहुल खड़गे शामिल हैं. इसी को लेकर लहर सिंह ने पूछा है, ‘खड़गे परिवार KIADB जमीन का पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गया?’ इस बारे में उद्योग मंत्री एम बी पाटिल ने भी कहा है कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है. प्रियांक खड़गे ने भी इस आवंटन के बारे में कहा है कि ट्रस्ट को कोई सब्सिडी या छूट नहीं दी गई है.