रायपुर। राजधानी रायपुर के सेजबहार इलाके में पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण का पाठ कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा बयान दिया। मिश्रा ने सनातन धर्म के अनुयायियों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप और झांसी की रानी जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की पोशाक पहनाकर अपनी आस्था को मजबूत करें। उन्हें लाल ड्रेस और टोपी पहनाकर जोकर मत बनाइए। पंडित मिश्रा 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक सेजबहार में कथा सुनाएंगे।
‘दिखावटी आकर्षण के मोह में आकर हिंदू धर्म की पारंपरिक मान्यताओं से भटककर जाते है’
इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि, जो यहां उपलब्ध है, वही खाना चाहिए, चाहे वह सादा ही क्यों न हो। कुछ लोग दिखावटी आकर्षण के मोह में आकर हिंदू धर्म की पारंपरिक मान्यताओं से भटककर दूसरे धर्मों की ओर चले जाते हैं। हिंदू धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है। जो लोग अपने धर्म की परंपरा और संस्कृति को छोड़कर दूसरे धर्म की नकल करते हैं, उनका अक्सर उपहास किया जाता है। छल-कपट की आदत से बचें। बच्चों को रानी लक्ष्मीबाई और वीर शिवाजी जैसे वीरों की कहानियां सुनाएं, ताकि उनके मन में वीरता की भावना पैदा हो।
क्या कहा पंडित प्रदीप मिश्रा ने नए साल के मौके पर ?
नए साल के मौके पर पंडित मिश्रा ने कहा कि, अब लोग थर्टी फर्स्ट जश्न मनाएंगे। हिंदू परंपरा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख ही बदलती है। तो जश्न मनाने का क्या कारण है? शराब की बोतल खोलना किस तरह का जश्न है? इसका क्या महत्व है? चैत्र नववर्ष में गंगाजल चढ़ाया जाता है। हिंदुओं के लिए यह पारंपरिक नववर्ष है। उस दिन लोग मंदिरों और तीर्थस्थलों पर जाते हैं। मैं हिंदुओं को सलाह दूंगा कि अगर वे इकतीसवाँ जश्न मनाना चाहते हैं, तो उन्हें शराब की दुकान के बजाय मंदिर जाना चाहिए। रायपुर में हाटकेश्वर महादेव और बूढ़ेश्वर नाथ सहित कई मंदिर हैं। वहां जाकर भोलेनाथ के दर्शन करें।