नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वाहनों की वैश्विक प्रदर्शनी ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो’ 2025 का उद्घाटन किया. प्रदर्शनी में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर के साथ नई गाड़ियों, कलपुर्जों और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 100 से अधिक नई पेशकश किये जाने की उम्मीद है. यह इस बार तीन स्थानों राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम और यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित की जा रही है.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री जबरदस्त भी है और भविष्य के लिए तैयार भी है. भारत की ऑटो इंडस्ट्री पिछले साल में लगभग 12% की दर से आगे बढ़ी है. इतनी कई देशों की आबादी नहीं है, जितनी भारत में हर साल गाड़ियां बिक रही हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, एच डी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, मनोहर लाल, पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी और मोटर वाहन क्षेत्र के दिग्गजों की उपस्थिति में भारत मंडपम में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. वाहनों की यह प्रदर्शनी 17 से 22 जनवरी तक चलेगी. इसमें एक ही छत के नीचे विभिन्न प्रकार के वाहनों के साथ-साथ गाड़ियों से जुड़ी हर चीज देखने को मिलेगी. यानी इसमें वाहन विनिर्माताओं के साथ-साथ कलपुर्जा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टायर और ऊर्जा भंडारण बनाने वालों से लेकर वाहन सॉफ्टवेयर कंपनियों के उत्पाद देखने को मिलेंगे.
वाहन प्रदर्शनी का विषय ‘सीमाओं से परे: भविष्य की वाहन मूल्य श्रृंखला का सह-निर्माण’ है. यह विषय वाहन क्षेत्र में सहयोग और नवोन्मेष को दर्शाता है. इसमें टिकाऊ और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की प्रगति पर जोर होगा. उल्लेखनीय है कि दो साल पर होने वाली भारत की प्रमुख वाहन प्रदर्शनी को अब ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो’ (भारत वाहन वैश्विक प्रदर्शनी) के साथ जोड़ा गया है. साथ ही 10 साल से अधिक समय तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित होने के बाद यह अपने मूल स्थान प्रगति मैदान (अब भारत मंडपम) में वापस आ रही है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से आयोजित वैश्विक वाहन प्रदर्शनी की मेजबानी उद्योग संगठन कर रहे हैं. इसमें सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम), ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एकमा), इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईएसए), ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए), इंडियन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईसीईएमए), नासकॉम, इंडियन स्टील एसोसिएशन, मटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) शामिल हैं. इसमें 5,100 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी शामिल होंगे. एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर से पांच लाख से अधिक लोग इसमें शिरकत कर सकते हैं.
भारत मंडपम में वाहन खंड में, इलेक्ट्रिक वाहनों के सुर्खियों में रहने की उम्मीद है. प्रमुख वाहन कंपनी मारुति सुजुकी अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन, एसयूवी ई विटारा पेश करने की तैयारी में है. वहीं हुंदै मोटर इंडिया लि. पहली बार क्रेटा का ईवी संस्करण पेश करेगी. लक्जरी यानी महंगी गाड़ियों के खंड में जर्मनी की मर्सिडीज-बेंज अपनी इलेक्ट्रिक ईक्यूएस मेबैक एसयूवी पेश करेगी जबकि इलेक्ट्रिक कॉन्सेप्ट सीएलए और जी इलेक्ट्रिक एसयूवी को प्रदर्शित करेगी. इसी तरह, बीएमडब्ल्यू अपनी नई बीएमडब्ल्यू एक्स3 पेश करने के अलावा पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बीएमडब्ल्यू आई7 पेश करेगी. कुल मिलाकर, वाहन प्रदर्शनी में 40 से अधिक नए वाहन पेश किए जाने की उम्मीद है.
यशोभूमि में 18-21 जनवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले कलपुर्जों की प्रदर्शनी में लगभग सात देशों की 1,000 से अधिक इकाइयां भाग लेंगी. इसमें पांच देशों जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, ताइवान और ब्रिटेन के मंडप होंगे. वहीं अमेरिका, इजराइल और थाइलैंड की कंपनियां इसमें शामिल हो रही हैं. कलपुर्जों की प्रदर्शनी में 60 से अधिक नए उत्पाद और प्रौद्योगिकी पेश किये जाने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत वाहन क्षेत्र में आगे बढ़ने को इच्छुक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है. उन्होंने साथ ही निवेशकों को हर संभव सरकारी मदद का आश्वासन भी दिया. प्रधानमंत्री ने यहां भारत मंडपम में वैश्विक वाहन प्रदर्शनी ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो’ 2025 का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत हरित प्रौद्योगिकी, ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान दे रहा है.
उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल की ताकत देश के वाहन उद्योग की विकास संभावनाओं को बढ़ावा देती है. दशक के अंत तक ईवी की बिक्री आठ गुना होने वाली है. मोदी ने कहा कि सरकार एक ऐसी परिवहन प्रणाली पर काम कर रही है जो अर्थव्यवस्था तथा पर्यावरण के अनुकूल होगी. साथ ही यह प्रणाली जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल आदि) के आयात ‘बिल’ को कम कर सकती है. उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने वाहन उद्योग के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. इस पहल को पीएलआई (उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन) योजना से बढ़ावा मिला है. इससे इस क्षेत्र में 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री में मदद मिली है. इस योजना से वाहन क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से 1.5 लाख से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ यात्रा में सुगमता भारत की एक बड़ी प्राथमिकता है. पिछले बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया था. कई लेन वाली सड़कों और राजमार्गों के नेटवर्क का विस्तार किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि भारत का वाहन उद्योग बेहतरीन होने के साथ भविष्य के लिए तैयार है. भारत के वाहन उद्योग में पिछले साल 12 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई और निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई.
मोदी ने कंपनियों को क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बढ़ता मध्यम वर्ग, तेजी से शहरीकरण, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का विकास और किफायती गाड़ियां वाहन क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा प्रयास, वाहन क्षेत्र के लिए एक पूरा परिवेश विकसित करना है.’’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बैटरी भंडारण प्रणाली में निवेश करने का यह सही समय है. पांच दिन चलने वाली प्रदर्शनी इस बार तीन स्थानों राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम तथा यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एवं मार्ट में आयोजित की जा रही है. प्रदर्शनी में वाहन, कल-पुर्जों और प्रौद्योगिकियों से जुड़े 100 से अधिक नए उत्पाद पेश किए जाने की उम्मीद है. वाहनों की यह प्रदर्शनी 17 से 22 जनवरी तक चलेगी. इसमें एक ही छत के नीचे विभिन्न प्रकार के वाहनों के साथ-साथ गाड़ियों से जुड़ी हर वस्तु देखने को मिलेगी.