रायपुर। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला डिजिटल शासन की दिशा में नई मिसाल बन गया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा जिला है, जहां ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्क का भुगतान अब यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यमों से हो रहा है। ग्रामीण अब प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसी रकम मोबाइल से ही आसानी से भर रहे हैं।
रायगढ़ की 549 ग्राम पंचायतों में यूपीआई आधारित टैक्स कलेक्शन व्यवस्था लागू कर दी गई है। पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे गांववासी घर बैठे टैक्स जमा कर पा रहे हैं। इस पहल से न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि पंचायतों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने प्रधानमंत्री अवॉर्ड स्क्रीनिंग कमेटी को इस नवाचार की जानकारी दी थी, जिसके अनुसार टैक्स संग्रहण में 117% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। आदिवासी बहुल पांच ब्लॉकों और 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों तक इस प्रणाली की पहुंच, डिजिटल समावेशन की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
ग्राम सभाओं में भागीदारी भी अब तेजी से बढ़ रही है। विश्लेषण में सामने आया कि कुछ पंचायतों में लोगों की उपस्थिति 57% तक बढ़ गई है। महिला स्व-सहायता समूहों और बीसी सखियों द्वारा किए गए लेन-देन में भी भारी इजाफा हुआ है – 2022-23 में 3969.30 लाख से बढ़कर 2025 तक 4650.80 लाख रुपये तक पहुंच गया।
डिजिटल लेन-देन से ग्राम पंचायतों का खाता प्रबंधन, ऑडिट और लेखा-जोखा ज्यादा पारदर्शी और व्यवस्थित हुआ है। वर्तमान कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में अब जिले की सभी पंचायतों को 100% डिजिटल टैक्स प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। रायगढ़ की यह पहल पूरे छत्तीसगढ़ के लिए रोल मॉडल बन चुकी है।