आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और उनके समर्थकों की डिस्चार्ज अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। इसके साथ ही संजय सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। संजय सिंह पर बिना इजाजत सभा करने का आरोप है। पुलिस ने उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज किया था। डिस्चार्ज अर्जी खारिज किए जाने के बाद आरोपियों ने कोर्ट में हाजिरी लगाई और बयान दर्ज कराते हुए आरोपों से इनकार किया। अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी।चार साल पहले दर्ज हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने सांसद और अन्य आरोपियों को मुकदमे से मुक्त करने की मांग रद्द कर दी। जिसके बाद उन्होंने बयान दर्ज कराया। सासंद संजय सिंह और उनके 12 समर्थकों पर 13 अप्रैल 2021 को बंधुआ कला थाना प्रभारी प्रवीण कुमार यादव ने आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज कराया था।सभी पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हसनपुर में आम आदमी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सलमा बेगम पत्नी मकसूद अंसारी के पक्ष में बिना अनुमति जनसभा करने का आरोप है।मंगलवार को आरोपी सलीम और एक अन्य मेडिकल ग्राउंड पर गैरहाजिर रहे। जिस कारण 11 आरोपियों का बयान दर्ज हो सका। मुकदमे में संजय सिंह के साथ मकसूद, सिकंदर, शहबान, इन्द्रीश, अजय गौड़, धर्मराज, जगदीश प्रसाद, सुकई, जलील, जीसान, सलीम और मोहम्मद सलाम पर चार्जशीट दाखिल हुई थी जिनका ट्रायल जारी है। एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तारीख नियत की है।संजय सिंह पर ये है आरोप आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ यह केस 13 अप्रैल 2021 को दर्ज किया गया था। आरोप है कि सुल्तानपुर के बंधुआकलां थाना क्षेत्र के हसनपुर गांव में पंचायत चुनाव के दौरान उन्होंने बिना इजाजत सभा की। संजय सिंह और उनके समर्थकों पर केस दर्ज किया गया था। आरोप है कि सांसद संजय सिंह अपनी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सलमा बेगम के पक्ष में सभा कर रहे थे।