रायपुर। बीजेपी के कद्दावर नेता व पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आज दिल्ली दौरे से लौट आये है। माना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने दौरे की जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि, केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से धर्मेंद्र प्रधान मुलाकात की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री से उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय शुरू करने का अनुरोध किया है। केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं के केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाए जाने का भी उन्होंने आग्रह किया।
पर्यटन मंत्री से मिलकर राजिम, माँ कौशल्या मंदिर, सिरपुर, 5 शक्तिपीठो के विकाश के लिए स्वीकृति देने की बात कही है। वही आगे उन्होंने बताया कि, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कौशल्या धाम को पर्यटन के रूप में विकसित करने की बात कही है। माँ बम्लेश्वरी देवी प्रसाद योजना पर जानकारी देते हुए बताया कि, प्रसाद योजना के अंतर्गत लगभग 40 करोड़ रुपए मिल चुके है। हमारा प्रयास है कि 15 फरबरी तक पूरा हो जायेगा।
माघी पुन्नी मेला मानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, राजिम कुम्भ कल्प मेला छत्तीसगढ़ की पहचान बन गया है। उस पहचान को कांग्रेस ने समाप्त किया था। हम उस पहचान को फिर से स्थापित करेंगे। उन्होंने बताया कि कल वह राजिम जा रहे है। वह स्थल का निरिक्षण करेंगे। वही पूर्वमंत्री अमरजीत भगत के घर छापे के सवाल पर मंत्री ने कहा कि, जो जैसा करेगा वैसा भरेगा।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि केंद्र की योजनाएँ समग्र शिक्षा, पीएम योजना, मध्यान भोजन आदि में केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी क्रमशः 40 प्रतिशत और 60 प्रतिशत है। कई वर्षों से बजट के विभिन्न उप मदों के लिए निर्धारित दर में वृद्धि नहीं किए जाने से राज्य सरकार को दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से 16 जिलों में नवोदय विद्यालय व केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत है। उन्होंने शेष जिलों में नवोदय व केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत करने, स्कूली बच्चों को निःशुल्क प्रदान किये जाने वाले गणवेश की लागत राशि बढ़ाने का अनुरोध किया।
2606 लाख रुपये स्वीकृत करने तथा आरटीई के तहत पूर्व प्राथमिक में प्रवेशित बच्चों के शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति के साथ ही योजना की 110.86 करोड़ की राशि स्वीकृत करने के साथ ही पीएम श्री योजना के अंतर्गत विगत दो वर्षों में विकसित हुये शालाओं को बेंचमार्क शालाओं के रूप में चयन का अवसर प्रदान करने व उच्चतर माध्यमिक शाला को बेंचमार्क के रूप में शामिल करने का आग्रह किया।