जानें गुरुवार का पंचांग, जिसमें दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल व गुलिक काल की वास्तविक स्थिति विस्तार से ज्ञात होगी।
11 अप्रैल 2024 दिन- गुरुवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 05:44:00
सूर्यास्तः- सायं 06:16:00
विशेषः- गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवतः- 2081
शक संवतः- 1946
आयनः- उत्तरायन
ऋतुः- बसंत ऋतु
मासः-चैत्र माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- तृतीया तिथि 15:04:25 A.M तक तदोपरान्त चतुर्थी तिथि
तिथि स्वामीः- तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी हैं तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं।
नक्षत्रः- कृत्तिका नक्षत्र 25:38:30 A.M तक तदोपरान्त रोहिणी
नक्षत्र स्वामीः- कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव है। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव है।
योगः- प्रीति योग 07:18:20 A.M तक तदोपरान्त सौभाग्य योग
दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:10:00 A.M से 10:46:00 A.M तक
राहुकालः- आज का राहु काल 01:57:00 P.M से 03:33:00 P.M तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में परवल नही खाना चाहिए यह तिथि यात्रा, चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व ग्रह प्रवेश के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों का कल्याण करें एवं उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”