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November 22, 2024
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Bird Flu: नॉनवेज खाने वाले हो जाएं सावधान! तेजी से फैल रहा बर्ड फ्लू, ये लक्षण दिखें तो रहे सतर्क

नई दिल्ली। नॉनवेज खाने वाले हो अब सावधान हो जाएं। दुनिया सहित देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू तेजी से फ़ैल रहा है। इस फ्लू से नॉनवेज खाने वालों को सबसे ज्यादा खतरा है। बता दें कि  अमेरिका में एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आने के बाद अब झारखंड के रांची में बर्ड फ्लू के ताजा मामले सामने आए हैं। अब भारत में फैल रही एक और बीमारी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। देश में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके मामले कई राज्यों में देखने को मिले हैं।

बर्ड फ्लू ऐसा वायरस है जो पक्षियों से आसानी से इंसानों में पहुंच सकता है। बर्ड फ्लू फैलने के बाद किचन और अंडे खाने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। इंसानों में बर्ड फ्लू होने पर स्थिति जानलेवा हो सकती है। आइये जानते हैं बर्ड फ्लू होने पर इंसानों के शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है?

बर्ड फ्लू के इंसानों में लक्षण

एच5एन1 से संक्रमित होने के बाद इंसान के शरीर में करीब 2 से 8 दिन में लक्षण नजर आते हैं। कई बार लोग इसे सीजनल फ्लू समझ लेते हैं क्योंकि इसके लक्षण काफी एक समान होते हैं।

  • खांसी और गले में खराश
  • तेज बुखार आना
  • जुकाम और नाक बंद होना
  • हड्डी और जोड़ों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • नाक से खून आना
  • ठंड लगना और थकान
  • सिर और छाती में दर्द
  • भूख कम लगना
  • सोने पर परेशानी होना

अगर तेज बुखार, खांसी और शरीर में दर्द हो तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बर्ड फ्लू फैलने वाले किसी क्षेत्र में अगर आप गए हैं या फिर किसी फार्म और खुली जगह पर गए हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से बर्ड फ्लू की जांच करवा लेनी चाहिए।

इंसानों के लिए भी खतरनाक है यह बीमारी

बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ पक्षियों को ही नहीं, बल्कि जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। इस बीमारी से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान आसानी से इससे संक्रमित हो जाते हैं। इससे मौत भी हो सकती है।

इंसान कैसे हो जाते हैं इससे संक्रमित?

बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन (संक्रमण) होता है। वैसे तो बर्ड फ्लू कई प्रकार हैं, लेकिन एच5एन1 (H5N1) पहला ऐसा बर्ड फ्लू वायरस था, जिसने पहली बार इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था, जबकि पहली बार 1996 में चीन में बर्ड फ्लू का पता चला था। यह बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से इंसानों में होती है।

बर्ड फ्लू का खतरा किसे अधिक?

मुर्गी पालन से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा सबसे अधिक होता है। इसके अलावा संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों, संक्रमित जगहों पर जाने वाले लोगों, कच्चा या अधपका चिकन या अंडा खाने वाले लोगों को भी इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है।

  • बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय
  • चिकन या अंडा खाने से बचें
  • समय-समय पर अपने हाथ साबुन-पानी से धोते रहें
  • पक्षियों से दूर रहें
  • ऐसी जगहों पर जाने से बचें, जहां बर्ड फ्लू का प्रकोप है
  • इंफ्लूएंजा का टीका लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें

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