नई दिल्ली।कांग्रेस ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को क्रमश: रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्रों के लिए पार्टी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया। कांग्रेस ने राहुल गांधी के रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने की शुक्रवार को घोषणा की थी। रायबरेली राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी का पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्र रहा है। सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 से 2024 तक रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि वह अब राज्यसभा के लिए चुनीं गई हैं। वहीं कांग्रेस ने गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से पार्टी उम्मीदवार घोषित किया है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा दोनों चर्चित सीट रायबरेली और अमेठी में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार अभियान की अगुवाई करेंगी। वह सोमवार से उत्तर प्रदेश के इन संसदीय क्षेत्रों में मौजूद रहेंगी। कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्रों के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षकों के रूप में क्रमशः भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रियंका गांधी ने प्रचार की कमान पहले ही संभाल ली है और सोमवार से मतदान खत्म होने तक वह रायबरेली और अमेठी में ही रहेंगी।
सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी सैकड़ों ‘नुक्कड़ सभाएं’, बैठकें और घर-घर प्रचार करेंगी। सूत्र ने कहा, “केंद्र रायबरेली होगा जहां वह एक गेस्ट हाउस में ठहरेंगी। बूथ प्रबंधन से लेकर प्रचार कार्यक्रम तक, सब कुछ वह ही संभालेंगी।” सूत्रों ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और दशकों से गांधी परिवार के साथ पारिवारिक संबंध रखने वाले लोगों तक पहुंच बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वह दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान की निगरानी भी करेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों तक पहुंच बनाने के लिए संगठन के विभिन्न स्तरों पर अभियान चलाया जाएगा।
प्रियंका गांधी कांग्रेस प्रमुख खरगे, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जैसे शीर्ष नेताओं के प्रचार अभियान की योजना और कार्यक्रम का भी ध्यान रखेंगी। सूत्रों ने कहा कि वह लगभग 250-300 गांवों तक पहुंच बनाएंगी और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को समान समय देंगी।
फिरोज गांधी ने रायबरेली में जो मजबूत नींव रखी थी, उसे बाद में उनकी पत्नी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पोषित और मजबूत किया। इंदिरा गांधी ने 1967, 1971 और 1980 में यह सीट जीती। उनके बाद गांधी परिवार के करीबी लोगों और सदस्यों ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। अमेठी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी को टक्कर देने के लिए 25 साल बाद कांग्रेस की ओर से ऐसे उम्मीदवार मैदान में हैं जो गांधी परिवार के सदस्य नहीं हैं।
ईरानी ने 2019 में अमेठी में राहुल गांधी को 55,000 से अधिक वोट से हराया था, जबकि रायबरेली में सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 1,67,000 से अधिक वोट से हराया था। इस चुनाव में सिंह का मुकाबला राहुल गांधी से होगा। सिंह को भाजपा ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। शर्मा वह प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने दो निर्वाचन क्षेत्रों की देखभाल की और दोनों प्रमुख सीट पर गांधी परिवार के प्रतिनिधि थे। सात चरण के आम चुनाव के पांचवें दौर में 20 मई को अमेठी और रायबरेली सीट के लिए मतदान होगा।