रिपोर्टर पवन साहू धमतरी
धमतरी में इन दिनों डॉक्टरों की देर वाली लापरवाही ने पीएम करवाने आए हुए लोगो के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है और जिला अस्पताल के मर्चूरी में संवेदनाएं सांत्वना और न ही सहानुभूति है यहां है तो सिर्फ गम बढ़ाने वाली टीस धूप वा बारिश में अपनी बारी का इंतजार करते बिलखते परिजनों को सिर्फ एक ही जवाब मिलता है बाहर जाओ डॉक्टर साहब नहीं आए हैं उनके आते ही पीएम हो जाएगा मर्चूरी में मर चुकी संवेदनाओं के बीच पोस्टमार्टम परिजनों का दर्द और बढ़ा देता है इन सबके बीच डॉक्टर की मौजूदगी पर एक शव के पोस्टमार्टम पर 30 मिनट से लेकर 60 मिनट तक समय लगता है लेकिन डॉक्टरों की देर से आने वाली मनमानी के चलते घंटो इंतजार के बाद हो पा रहा है .यह हालात हैं धमतरी जिला अस्पताल की मर्चूरी के
जी हा धमतरी के सबसे बड़े जिला अस्पताल पर जिले के ही नही बल्कि कांकेर बालोद समिवर्ती जिले के लोगो का भी यहा इलाज वा पीएम के लिए निर्भर है लेकिन घंटो प्रतीक्षा के बाद ही पोस्टमार्टम हों पाता है जिनके कारण से आए हुए परिजन को काफी परेशानियां की सामना करना पड़ रहा है प्रतीक्षा के चलते अंतिम संस्कार के लिए शमशान प्रक्रिया में देर होने से परिजनों में खिन्नता दिखाई देती है वही इसमें कही ज्यादा मृतकों के बाहर से आए हुए परिजनों को हतासा का सामना इन दिनों करना पड़ रहा है पता हो की उपर्युक्त कारणों से, पोस्टमॉर्टम आम तौर पर विष विज्ञान के वास्तविक नमूने को सुनिश्चित करने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है यह व्यक्ति द्वारा मृत्यु प्राप्त करने से पहले घायल होने के समय अंतराल को निर्धारित करने में भी योगदान देता है पोस्टमार्टम एक प्रकार से कानूनी प्रक्रिया होता है यह पीड़ित परिवार के लिए बेहद ही पीड़ादायक होती है साथ ही ऐसे में यहां की कुछ व्यवस्थाएं सुधार कर दुखी परिजनों को कुछ सांत्वना दिला सकते हैं सबसे अहम यह है कि जल्द से जल्द पीएम कर शव परिजनों को सौंप देना चाहिए जिनके लिए 8 से 16 चिकित्सक की ड्यूटी जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए लगाए गए है लेकिन डॉक्टरों की लेट वाली मनमानी का खामियाजा यहा पीएम करवाने आए हुए परिजनों को भुक्ताना पड़ रही है
ऐसा नहीं है कि हर शख्स को यहां इंतजार करना पड़ता है, लेकिन रसूख वालों के लिए सारे कायदे एक तरफ रख दिए जाते हैं किसी अफसर या राजनेता की एप्रोच लगाने पर पोस्टमार्टम जल्द ही कर दिया जाता है जबकि कायदे सभी के लिए एक समान है लेकिन धमतरी में रसूको के लिए इंतजार करना नही होता और गरीबों के लिए घंटो धूप छांव बारिश पर प्रतीक्षा करने के अतिरिक्त कोई मार्ग ही नही बचता आपको बता दे की अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर कानून से बचने के लिए संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सूचना पुलिस को देते हैं ऐसे में पुलिस पीएम कराती है एक्सीडेंट, जहर, डूबने, जलने और संदिग्ध परिस्थितियों में भी मौत होने पर पुलिस पीएम कराती है अगर परिजन लिखकर दे दें कि उन्हें किसी पर संदेह नहीं है और मौत नेचुरल है, तो पुलिस पीएम कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हालांकि ऐसे में पुलिस को भी अगर कोई आंशका नहीं हो तो यह संभव होता है
धमतरी में डॉक्टरों के देर से आने वाली लापरवाही ने पीएम करवाने आए लोगो के लिए एक पहाड़ जैसी समस्या बनी हुई है शिपर तो समय पर आ जाते है लेकिन डॉक्टर के न मौजूदगी में पीएम नही किया जा सकता लिहाजा दूर दराज से आए हुए लोगो को घंटो इंतजार का सामना करने को मजबूर है वही जिला स्वस्थ अधिकारी ने अपनी पल्ला झाड़ते हुए संधिक्त मामले में पुलिस के तरफ से लेट होने का हवाला दिया वही डॉक्टरों की लेट आने वाली लापरवाही पर अधिकारी ने कहा की इसमें जांच करेंगे साथ ही अब पी एम करवाना आसान हो गया है क्योंकि पीएम करवाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है प्रार्थी अब ऑनलाइन से पोस्टमार्डम करवा सकता है साथ ही 2 से 3 घंटो में रिपोर्ट डॉक्टर्स द्वारा रिपोर्ट भी दे दी जाएगी
बहरहाल सिस्टम की अनदेखी के चलते डॉक्टरों को खुली आजादी मिल गई है जिनके कारण से बेपरवाह होकर लेट से आ रहा अब इस खबर के बाद सिस्टम क्या अपने आंखो की पट्टी खोलती है या नही यदि नही तो यहा का स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ने का संभावना होगा