8.3 C
New York
November 21, 2024
BBC LIVE
BBC LIVEtop newsराज्यराष्ट्रीय

EMI में राहत की उम्मीद : महंगाई दर में गिरावट के बाद हो सकती है रेपो रेट में कटौती

नई दिल्ली। महंगाई (Inflation front) के मोर्चे पर लोगों को बड़ी राहत (great relief) मिली है। पांच साल (five years) में यह पहला मौका है, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index (CPI) based retail inflation) आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य (RBI’s target four percent) से नीचे आई है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई दर में इस गिरावट से प्रमुख ब्याज दर (Repo Rate) में कटौती की उम्मीद और बढ़ गई है। अगर आरबीआई कटौती करता है तो आम लोगों की मासिक किस्त में राहत मिल सकती है।

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दर तय करते समय देश के कई आर्थिक संकेतकों के साथ खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर भी गौर करता है। इसमें तेजी आने पर वह दरों में वृद्धि का फैसला करता है, जबकि लगातार नरमी आने पर दरों में कमी का फैसला करता है।

अक्तूबर में कटौती संभव
माना जा रहा है कि खुदरा महंगाई में लगातार नरमी के बाद आरबीआई रेपो दर में कटौती कर सकता है। अक्टूबर 2024 में रिजर्व बैंक पॉलिसी रेट्स की समीक्षा करेगा, तब महंगी ईएमआई से राहत मिल सकती है। आठ अगस्त 2024 को आरबीआई ने मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को नौवीं बार 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला किया था। रेपो दर में फरवरी 2023 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में अगली बैठक में आरबीआई पर दरों में कटौती करने का कुछ दबाव रहेगा।

इस वित्त वर्ष दो बार कटौती का अनुमान
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आरबीआई अक्टूबर में रेपो रेट में कटौती शुरू कर सकता है। इसका कारण यह है कि पिछले साल की तुलना में बेहतर मानसून और अधिक फसल बुवाई से खाद्य मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीद है। एजेंसी ने यह उम्मीद भी जताई है कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष के दौरान दो बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार,यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (BOE) ने अपनी ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी है। बैंक ऑफ जापान (BOJ) ने अपनी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व ( FED ) द्वारा सितंबर में दरों में कटौती की उम्मीद है।

महंगाई दर को लेकर आरबीआई ने जताई थी चिंता
आठ अगस्त को मौद्रिक नीति के समीक्षा करते हुए महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से भी चिंता जताई गई‌ थी। बैंक ने अनुमान लगाया था कि चालू वित्तीय वर्ष में महंगाई दर 4.4 प्रतिशत रह सकती है और वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 4.5 के आसपास रहेगी। महंगाई को लेकर आरबीआई ने यहां तक भी कहा था कि दूध और मोबाइल टैरिफ की बढ़ी कीमतों का महंगाई पर कितना असर पड़ा, इसका भी अध्ययन किया जाएगा। लेकिन जुलाई में अप्रत्याशित रूप से बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में कीमतों में कमी का यही सिलसिला अगले कुछ महीने जारी रहता है तो केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में बदलाव करने पर विचार कर सकता है।

महंगाई और ब्याज दरों में नाता
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार जब कर्ज सस्ता होता है तो ईएमआई होने की वजह से लोग कर्ज लेकर खुलकर खर्च करते हैं। सस्ता कर्ज उपभोक्ताओं की खरीदने की क्षमता बढ़ा देता है। वहीं जब कर्ज महंगा होता है तो लोग बहुत संभलकर खर्च करते हैं। साथ ही कंपनियां भी विस्तार पर ज्यादा खर्च नहीं करती हैं। इससे मांग में नरमी के साथ महंगाई भी घटती है।

Related posts

CG Breaking : पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के घर से निकली आईटी टीम, सबूत के तौर पर साथ ले गई दस्तावेज, सीडी और पैन ड्राइव…

bbc_live

Aaj Ka Panchang : चैत्र नवरात्रि आज से, बन रहे हैं अद्भुत संयोग, ये हैं घटस्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त

bbc_live

MP NEWS : कर्नाटक के राज्यपाल गहलोत के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की सौजन्य भेंट

bbc_live

Leave a Comment

error: Content is protected !!