बिलासपुर। राज्य में सड़कों की खराब स्थिति से जुड़ी एक जनहित याचिका पर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार द्वारा सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण के लिए दिए जाने वाले अनुदान के बारे में अधिकारियों से काफी नाराजगी जताई और पूछा कि काम कब शुरू होगा। मुख्य न्यायाधीश ने आगे पूछा कि, क्या फंड का सही तरीके से इस्तेमाल होगा या उसका दुरुपयोग होगा। कोर्ट ने एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को हलफनामे के साथ प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।
बता दें कि, राज्य भर में सड़कों की खराब हालत को लेकर सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने हलफनामा पेश कर बताया कि, सेंदरी फोरलेन के पास भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। इस ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नई सड़क बनाई जानी है। इसके लिए कार्यादेश जारी हो चुका है और एक महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
गड्ढों की मरम्मत का काम भी जल्द ही हो जाएगा शुरू
बिलासपुर नगर निगम की ओर से अधिवक्ता संदीप दुबे ने न्यायालय को बताया कि, नई सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गड्ढों की मरम्मत का काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार ने नई सड़कों के रखरखाव के लिए अनुदान जारी कर दिया है। उम्मीद है कि एक महीने के भीतर काम पूरा हो जाएगा।
कोरबा एयर स्ट्रीप की घटना पर भी HC ने लगाई फटकार
कोरबा एयर स्ट्रीप पर हुई घटना को मुख्य न्यायाधीश ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि, रखरखाव में लापरवाही से ऐसे परिणाम सामने आ सकते हैं, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। वित्त मंत्री और जनप्रतिनिधि बाल-बाल बच गए। हवाई पट्टी की हालत चिंताजनक है और यह चिंताजनक है कि वीवीआईपी लोगों को भी इस तरह के खतरे का सामना करना पड़ा। अगर उनके लिए यह स्थिति है, तो आम आदमी कहां खड़ा होगा और वह क्या कदम उठा सकता है, यह सोचना होगा। यह स्थिति समझ से परे है। मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि आम से लेकर खास तक हर व्यक्ति की जान बेहद कीमती है। सड़कों की हालत सुधारना जरूरी है।