दिल्ली एनसीआरराष्ट्रीय

महिलाओं के घर के बाहर प्राइवेट पार्ट्स की फोटो खींचना अपराध नहीं, जानें किस हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला?

Kerala High Cour: केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक अहम फैसले में कहा कि यदि कोई महिला सार्वजनिक या खुले स्थान पर है, जहां वह पूर्ण गोपनीयता की अपेक्षा नहीं कर सकती है, और ऐसे में उसकी फोटो ली जाती है या उसे कोई व्यक्ति देखता है, तो इसे ताक-झांक (वॉयूरिज़्म) के अपराध के रूप में नहीं गिना जाएगा. न्यायमूर्ति ए. बदरुद्दीन ने स्पष्ट किया कि केवल उस स्थिति में ही किसी महिला की छवि को देखना या लेना दंडनीय है जब वह किसी “निजी कार्य” में संलग्न हो और वह स्थान गोपनीयता की अपेक्षा रखता हो.

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि वॉयूरिज़्म का अपराध तभी लागू होता है जब कोई व्यक्ति महिला को ऐसी गतिविधि में देखता या उसकी तस्वीर लेता है, जहां गोपनीयता की उम्मीद की जा सकती है, जैसे कि निजी अंगों को उजागर करना, बाथरूम का उपयोग करना, या किसी निजी यौन गतिविधि में संलग्न होना. ऐसे मामलों में महिला की गोपनीयता भंग करने पर आईपीसी की धारा 354C के तहत अपराध माना जाएगा.

क्या है पूरा मामला

यह फैसला अजित पिल्लई नामक याचिकाकर्ता द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया. पिल्लई ने उन पर लगाए गए धारा 354C (वॉयूरिज्म) और धारा 509 (महिला की गरिमा का अपमान करने वाले शब्द, संकेत या कृत्य) के आरोपों को रद्द करने की मांग की थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दो व्यक्तियों ने उसके घर के बाहर उसकी तस्वीरें खींचीं और उसकी गरिमा को अपमानित करने के लिए अश्लील इशारे किए.

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि धारा 354C के अंतर्गत आने वाला “निजी कार्य” वह है जिसमें महिला को गोपनीयता की उचित अपेक्षा होती है. उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के निजी अंग उजागर हैं, वह बाथरूम का उपयोग कर रहा है, या किसी निजी यौन क्रिया में संलग्न है, तो इसे “निजी कार्य” के रूप में गिना जाएगा. इस मामले में, घटना शिकायतकर्ता के घर के सामने हुई थी, जिसे न्यायालय ने “निजी कार्य” की परिभाषा में नहीं माना. अतः इस मामले में वॉयूरिज़्म का आरोप नहीं बनता.

धारा 354C का आरोप हटाया, धारा 509 का मामला बरकरार

न्यायालय ने वॉयूरिज़्म के आरोप को रद्द कर दिया, लेकिन धारा 509 के तहत अभियोजन जारी रखने की अनुमति दी. इस धारा के तहत किसी महिला की गरिमा का अपमान करने वाले शब्द, संकेत या कृत्य का अपराध आता है. इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता के कथित कृत्य आईपीसी की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) के अंतर्गत भी आ सकते हैं, और इस पर निचली अदालत आगे विचार करेगी.

यह फैसला इस ओर इशारा करता है कि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता का उल्लंघन किन परिस्थितियों में होता है, और किस स्थिति में इसे अपराध नहीं माना जाएगा. इस फैसले ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी गोपनीयता की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है.

Related posts

वन नेशन, वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट की मिली मंजूरी, अब संसद में आएगा विधेयक

bbc_live

कौर हॉस्पिटल में हुआ निःशुल्क चेकअप शिविर का आयोजन

bbc_live

जानिए डिटेल : इन लोगों को 500 रुपये में मिलेगा एलपीजी गैस सिलेंडर

bbc_live

ऐसे करें असली-नकली की पहचान…सोने-चांदी का मार्केट रेट जारी

bbc_live

Petrol-Diesel Rate Today: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा बदलाव! जाने आपके शहर में तो नहीं घट गए तेल के दाम?

bbc_live

Weather: भारत में समय से पहले चलने लगी लू, कई राज्यों में पारा 43 डिग्री के पार; 125 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा

bbc_live

Saphala Ekadashi 2024 Date: इस साल की अंतिम एकादशी कब है? जानें तारीख, मुहूर्त और पारण समय, हर काम में मिलेगी सफलता

bbc_live

Aaj Ka Rashifal : इन 3 राशियों का आज बदलने वाला है भाग्य, कर्क समेत इन्हें व्यापार में होगा शानदार मुनाफा; पढ़ें आज का राशिफल

bbc_live

Aaj Ka Panchang : विवाह पंचमी आज, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

bbc_live

पीएम मोदी का बड़ा ऐलान : महिलाओं को हर साल मिलेंगे 10 हजार रुपए

bbc_live