नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने खुलासा किया है कि कनाडा के 260 कॉलेज मानव तस्करी में शामिल हैं। इन कॉलेजों ने कनाडा के रास्ते अमेरिका जाने के लिए “अवैध प्रवासियों” को छात्र वीजा जारी किए थे। ED ने यह जानकारी 3 साल पहले मैनिटोबा में अमेरिका-कनाडा सीमा पर मृत पाए गए गुजराती परिवार के 4 सदस्यों से जुड़ी जांच के मामले में दी है। एजेंसी परिवार के मामले में शामिल एजेंटों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
मानव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पता चला
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ED का कहना है कि जांच में मानव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पता चला है, जिसमें कनाडा के 260 कॉलेज शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि कनाडा कॉलेजों के लेन-देन और अवैध प्रवासियों से उन्होंने कितना पैसा कमाया, इसकी जांच जारी है। अभी तक जांच में पता चला कि एजेंटों ने भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने के लिए कनाडाई कॉलेजों में दाखिला कराया था, लेकिन वे एक बार भी कॉलेज नहीं गए।
देश में 3,500 से ज्यादा एजेंट रैकेट में शामिल
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि उसने 10 और 19 दिसंबर को मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में कई एजेंटों के 8 से 9 ठिकानों पर छापेमारी की, जो इस मामले में शामिल हैं। जांच में पता चला कि मुंबई और नागपुर में 2 एजेंट ने हर साल 35,000 अवैध प्रवासियों को विदेश भेजा है। गुजरात में ऐसे 1,700 और देश में 3,500 से ज्यादा एजेंट रैकेट में शामिल हैं। अभी भी 800 से ज्यादा एजेंट सक्रिय हैं।
किस मामले की जांच कर रही ED?
19 जनवरी, 2022 को गुजरात का एक परिवार अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करते समय अमेरिका-कनाडा सीमा पर मृत मिला था। इसमें जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशाली (35), 11 वर्षीय बेटी और 3 साल का बेटा शामिल था। तस्करों ने परिवार को माइनस 37 डिग्री सेल्सियस के बर्फीले तूफान में छोड़ दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। मामले में जगदीश के परिवार की यात्रा की व्यवस्था करने में शामिल एजेंट भावेश पटेल के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी।
एजेंटों ने किए हैं कॉलेजों से समझौते
एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई और नागपुर के 2 एजेंटों ने कमीशन के आधार पर विदेशों में छात्रों के प्रवेश के लिए कई कॉलेजों से समझौता किया है। इसके बाद अवैध प्रवासियों के छात्र वीजा के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं।