भोपाल। मध्य प्रदेश में परशुराम कल्याण बोर्ड के प्रमुख पंडित विष्णु राजोरिया ने एक विवादास्पद घोषणा की है। उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के विवाह योग्य जोड़ों से आग्रह किया कि वे कम से कम चार बच्चे पैदा करें और इसके बदले उन्हें 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने एक ‘परिचय सम्मेलन’ के दौरान की, जिसमें सनाढ्य ब्राह्मण समुदाय के विवाह योग्य पुरुषों और महिलाओं को आमंत्रित किया गया था।
राजोरिया का कहना है कि यह कदम हिंदू समुदाय की बढ़ती आबादी में कमी को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने यह दावा किया कि जबकि अन्य समुदायों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, हिंदू समुदाय ने परिवार की बढ़ोतरी पर ध्यान देना कम कर दिया है। उनका यह भी कहना था कि “गैर-हिंदुओं” की आबादी में वृद्धि हो रही है, जबकि ब्राह्मणों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने यह दावा किया कि 1951 की जनगणना के बाद से ब्राह्मणों की आबादी आधी हो गई है।
राजोरिया ने यह घोषणा की कि सनाढ्य ब्राह्मण समुदाय के उन जोड़ों को जिनके चार बच्चे होंगे, उन्हें परशुराम कल्याण बोर्ड की ओर से एक लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह इनाम राज्य सरकार की योजना के तहत नहीं होगा, बल्कि वे इसे अपने स्तर पर या समाज के सहयोग से प्रदान करेंगे।
इस घोषणा के बाद से सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे एक प्रचार स्टंट करार दिया, जबकि अन्य ने इसे एक सांस्कृतिक पुनरुद्धार की दिशा में कदम बताया। राजोरिया ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई योजना नहीं शुरू की है, और यह पुरस्कार उनकी व्यक्तिगत पहल है।
राजोरिया का यह बयान और उनकी घोषणा ब्राह्मण समुदाय के लिए एक नया मुद्दा बन गया है, जिस पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बहस हो सकती है।