उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान बिलासपुर के सांस्कृतिक महोत्सव का समापन सुंदरम निकेतन की शानदार प्रस्तुति के साथ हुआ। विदित हो कि पिछले चार दिवस से उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान बिलासपुर में प्राचार्य प्रो मीता मुखर्जी के संरक्षण एवं डॉ सांस्कृतिक प्रभारी अजिता मिश्रा के संयोजन सांस्कृतिक महोत्सव मनाया जा रहा है। आज सांस्कृतिक महोत्सव के चतुर्थ एवं अंतिम दिवस सुंदरम निकेतन ने प्रभारी आचार्य वृंद अंजना अग्रवाल, डॉ संजय एम आयदे, डॉ गीता जायसवाल, राजकुमारी महेन्द्र, पवन पाण्डेय एवं संतोषी के कुशल मार्गदर्शन पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ नंदकुमार साहू सुभाष टंडन एवं साथियों द्वारा प्रस्तुत राम स्तुति से हुआ। तत्पश्चात संध्या तिवारी, हेमलता एवं साथियों ने “राम जी से पूछें” लोकगीत की सजीव प्रस्तुति से श्रोताओं को शीतलता प्रदान किए । इसके बाद हिमांशु शर्मा, आशुतोष बंजारे एवं साथियों ने पंजाबी नृत्य से दर्शकों को रोमांचित किया। नंदलाल शास्त्री, नयनन गिरी एवं उनके समूह ने “सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र” नाटक का प्रभावशाली मंचन किया। महिला समूह की चंद्रकांती सिदार,आराधना कुजूर एवं साथियों ने बस्तरिया नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। तबला वादन में नीलम द्विवेदी की उत्कृष्ट प्रस्तुति को सभी ने सराहा। क्विनी यादव,वर्षिता, बेबी मीरी एवं साथियों द्वारा राजस्थान की पारंपरिक लोक नृत्य कालबेलिया नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया।नंदकुमार, सुभाष टंडन एवं साथियों ने “सजा दो घर को” गीत प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। सुभाष एवं साथियों ने सैला नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति को जीवंत कर दिया। जादू का प्रदर्शन रामगोपाल वर्मा और प्रदीप उपाध्याय द्वारा किया गया, जिसने छात्रों से लेकर आचार्यों तक सभी को रोमांचित किया। हरियाणवी नृत्य में आराधना, क्विनि यादव एवं साथियों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का समापन समस्त समूह द्वारा प्रस्तुत “धरती की शान” देशभक्ति गीत से हुआ।
मंच संचालन आयुषी दुबे, भोला राम साहू, प्रदीप उपाध्याय और सोहित पटेल ने किया।
चारों दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में डॉ ए के पोद्दार एवं श्रीमती सरिता आयदे जी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। वहीं संगीत संयोजन संगीत विशेषज्ञ कृष्णानंद चौबे एवं राजकुमार पाण्डेय जी ने किया तथा कलाकारों को तैयार करने में नगर के प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट अतुल कांत खरे एवं अंजना खरे ने अपना योगदान दिया। ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था डॉ दुष्यंत चतुर्वेदी ने की।
कार्यक्रम के अंत में निर्णायक द्वय डॉ ए के पोद्दार एवं सरिता आयदे सभी प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए प्रतिभागियों की तैयारी एवं उत्साह की सराहना की तथा कला की बारिकियों एवं तकनीकों पर भी प्रकाश डाला । प्रशिक्षार्थियों को वरिष्ठ आचार्य डॉ बी व्ही रमणा राव ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी मेंटर एवं प्रशिक्षार्थियों को प्राचार्य प्रो मीता मुखर्जी ने बधाई दी एवं आयोजन से मिले अनुभव को अपने शिक्षण से जोड़कर अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में योगदान देने की अपेक्षा की। आभार प्रदर्शन डॉ दुष्यंत चतुर्वेदी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त आचार्य वृंद, कार्यालयीन स्टाफ एवं समस्त प्रशिक्षार्थियों ने अपना योगदान दिया।
इस संदर्भ की जानकारी संस्था के आचार्य करीम खान ने दी।