रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 अप्रैल 2025 को बहुचर्चित “महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप” मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत छापेमारी करते हुए ईडी ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर समेत देश के 7 बड़े शहरों में एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस दौरान ईडी ने कुल 3.29 करोड़ रुपये नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज, और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं। इसके अलावा विभिन्न सिक्योरिटीज, बॉन्ड्स और डीमैट खातों में जमा 573 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को फ्रीज किया गया है।
क्या है महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप केस?
यह मामला एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट से जुड़ा हुआ है, जिसे महादेव ऑनलाइन बुक के नाम से संचालित किया जा रहा था। इस ऐप के माध्यम से देश और विदेश में लाखों लोगों से सट्टेबाजी और जुए के जरिए पैसे जुटाए गए और उन्हें अलग-अलग चैनलों से सफेद किया गया। इससे जुड़े लोगों के खिलाफ पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही थी।
कई शहरों में एक साथ बड़ी कार्रवाई
ईडी की यह कार्रवाई PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट), 2002 के तहत की गई है। छापेमारी के दौरान जिन शहरों में छापे मारे गए उनमें शामिल हैं:
दिल्ली
मुंबई
इंदौर
अहमदाबाद
चंडीगढ़
चेन्नई
संबलपुर (ओडिशा)
इन स्थानों पर ईडी को ठोस जानकारी के आधार पर कार्रवाई करनी पड़ी, जहां महादेव ऐप से संबंधित संचालकों और नेटवर्क से जुड़े लोगों के दफ्तर, निवास और सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई।
डिजिटल और फाइनेंशियल सबूतों की गहराई से जांच
ईडी के अनुसार, तलाशी के दौरान बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, दस्तावेज़ और बैंकिंग विवरणों से पता चलता है कि यह रैकेट अत्यंत संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत था। अवैध कमाई को वैध बनाने के लिए निवेश, संपत्ति खरीद और डीमैट अकाउंट्स का सहारा लिया गया।
जांच जारी, हो सकते हैं और भी बड़े खुलासे
ईडी अधिकारियों ने बताया कि अभी जांच जारी है और कई अन्य नामचीन लोगों की संलिप्तता भी सामने आ सकती है। गिरफ्तारियों और संपत्ति की जब्ती की आगे की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि महादेव ऐप के नेटवर्क के खिलाफ केंद्र सरकार और जांच एजेंसियां सख्त कदम उठाने को तैयार हैं, और अवैध सट्टा कारोबार करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।