छत्तीसगढ़ में जनजातीय संस्कृति को संजोने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित राज्य के पहले ट्राइबल म्यूजियम का लोकार्पण किया। आदिवासी परंपराओं के अनुरूप प्रकृति पूजा और द्वार पूजन के साथ इस संग्रहालय का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और आदिवासी विकास मंत्री रामविचार नेताम भी मौजूद रहे।
करीब 10 एकड़ क्षेत्र में फैले इस छत्तीसगढ़ ट्राइबल म्यूजियम में राज्य की 43 जनजातियों और उनकी उप-जनजातियों की जीवनशैली, लोककला, परंपराएं, वेशभूषा, और धार्मिक मान्यताओं को डिजिटल और भौतिक माध्यम से दिखाया गया है। संग्रहालय की 14 थीम आधारित गैलरियों में तीज-त्योहार, आवास शैली, कृषि उपकरण, शिकार विधि, लोक वाद्य, पारंपरिक कला-कौशल, कमजोर जनजातीय समूहों की विशिष्टताएं और एआई-आधारित झांकियां भी शामिल हैं। क्यूआर कोड स्कैन कर हर झांकी की पूरी जानकारी मोबाइल पर देखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ विद्यालय के JEE में सफल 112 छात्रों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया और 300 नवचयनित छात्रावास अधीक्षकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे। कार्यक्रम में कथानक समिति के विशेषज्ञों का सम्मान किया गया, जिन्होंने संग्रहालय की विषयवस्तु के निर्माण में योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने इसे आदिवासी संस्कृति के संरक्षण का केंद्र बताया, जो युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यहां देखकर लोग बस्तर और सरगुजा जैसी जनजातीय संस्कृतियों के मूल स्वरूप को नजदीक से देखने प्रेरित होंगे।