अब्दुल सलाम कादरी-एडिटर इन चीफ
रायपुर/बिलासपुर/मरवाही। मरवाही वन मण्डल के अंतर्गत आने वाले मरवाही रेंज के रोपड़ी प्रबंधन समिति चिचगोहना एवं नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माडा गगनई सालहेकोटा परिसर में किये गए घोटाले की जांच समिति के प्रतिवेदन के अनुसार फर्जी समिति बनाकर लगभग 1करोड़ से ज्यादा की शासकीय राशि को फर्जी समिति के खाते में डालकर दुरुपयोग किया गया था
उपरोक्त अनियमितता के आधार पर और जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन प्रभारी वनमण्डलाधिकारी सजंय त्रिपाठी से राशि की वसूली के साथ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के उपनियम 9(1)(क) में निहित प्रावधान के अनुसार तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख द्वारा प्रमुख सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को दिनाँक 6/03/23 को लिखित में पत्र भेजा गया था।
परन्तु आज दिनाँक तक उक्त मामलों में ना तो रिकवरी हुई ना ही दोषियों को सजा मिली? श्री सजंय त्रिपाठी अभी वर्तमान में कटघोरा वन मण्डल में एसडीओ के पद पर कार्य कर रहे है और यहां भी वही रवैया है यानी घोटाले को अंजाम देते रहो-क्योकि शासन इनकी जेब मे है ?
वर्तमान वन मंत्री श्री केदार कश्यप और माननीय मुख्यमंत्री महोदय से उपरोक्त मामले में तत्काल कार्यवाही की मांग की जाती है। ताकि ऐसे अधिकारी जो शासन के नियमों की अवहेलना घोटाला करने के बारे में 100 बार जरूर सोचें।
देखना यह है इतनी बड़ी राशि की रिकवरी कब तक होती है?