बिहार में अगले 24 घंटे के अंदर सियासी उथलपुथल के शांत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। माना जा रहा है कि अब जदयू और राजद में दोस्ती टूटना लगभग तय है।
ऐसे में सूत्रों का दावा है कि अब महागठबंधन सरकार के अंत के लिए सिर्फ औपचारिकताएं बाकी है।
दूसरी तरफ पटना में राजनीतिक दलों की बैठकों का सिलसिला जारी है। राजद विधायक दल की शनिवार की हुई बैठक में विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को किसी भी प्रकार के निर्णय के लिए अधिकृत कर दिया। बैठक के बाद बाहर निकले विधायक विजय मंडल ने कहा कि लालू प्रसाद हम लोगों के नेता हैं और जो भी निर्णय लेंगे, वह सबको मान्य है।
इस बयान के बाद साफ है कि राजद पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और अब लालू प्रसाद ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
सूत्रों ने बताया कि विधायकों को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कुछ दिनों तक पटना में ही रहने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, भाजपा विधायक दल की बैठक भी प्रदेश कार्यालय में शुरू है।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सभी विधायकों से जदयू के समर्थन का हस्ताक्षर लिया जाएगा। इस बैठक के बाद सांसदों के भी बैठक होने की बात बताई जा रही है।
जबकि, जदयू ने राजद पर खुलकर निशाना भी साधना शुरू कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोस्ती टूट चुकी है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद का नेतृत्व बेचैन है। बिहार में 2 लाख शिक्षकों की भर्ती में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का मौका नहीं मिला, इस कारण राजद बेचैन है।