रायपुर। रायपुर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाली दो महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों पर 4 महीने के बच्चे का 6 लाख रुपए में सौदा करने का आरोप है। दोनों ने पूछताछ में बताया कि उनके साथ और भी कुछ लोग इस काम को करने में शामिल है। जिसके बाद अब पुलिस ने इस बच्चा बेचने वाले गिरोह के कुल 6 सदस्यों को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि, इस सौदे में मासूम का पिता और दो रिश्तेदार भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार इस काम में कुछ और लोगों के नाम भी सामने आए है जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस अब इस निजी अस्पताल की भूमिका की भी जांच में जुट गई है। जहां दोनों महिलाएं काम करती हैं। डीएसपी ललिता मेहर ने बताया कि, गुरुवार को शिकायत मिली कि सिविल लाइन इलाके में दो महिलाएं एक बच्चे को बेचने के लिए घूम रही है। उन्हें नि:संतान दंपत्ति की तलाश थी। दोनों एक कारोबारी के घर पहुंच गई थी, वहीं से पुलिस को उनके इस कारनामे की जानकारी मिली।
गरीब परिवार की तलाश में रहती थीं महिलाएं
इस सूचना के बाद खम्हारडीह निवासी यशोदा नायक और सुशीला नायक को गिरफ्तार किया है। दोनों निजी अस्पताल में काम करती हैं। वहीं आने वाले निः संतान दंपत्तियों को बच्चा उपलब्ध कराती हैं। दोनों मिलकर ऐसे परिवार की तलाश करती थीं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। ऐसा परिवार जो अपने बच्चों की ठीक से परवरिश नहीं कर पा रहे हैं।
दुर्ग के एक परिवार को फंसाया
इसी खोजबीन में दोनों महिलाएं एक परिचित के माध्यम से दोनों दुर्ग पहुंच गईं। वहां एक घर में गईं। जहां चार बच्चे हैं। सबसे छोटा 4 साल का है। उस परिवार को डेढ़ लाख रुपए देने का झांसा दिया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि उनका बच्चा एक बड़े कारोबारी घर पर जाएगा। वहां उसका अच्छ से पालन होगा। परिवार इसी झांसे में आ गया। जिसके बाद गुरुवार को दोनों महिलाओं के साथ बच्चे को लेकर रायपुर आ गए।
किराए के गर्भ पर भी पुलिस कर रही जांच
पुलिस जांच कर रही है कि मामला सरोगेसी का तो नहीं है। किराए पर गर्भवती बनकर बच्चे को जन्म तो नहीं दिया गया है। पुलिस बच्चे की मां से भी पूछताछ करने जाएगी। पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल जब्त कर लिया है। उसे जांच के लिए साइबर सेल भेजा गया है। चर्चा है कि गिरोह में और भी लोग शामिल हैं। उन्होंने कई निःसंतान दंपत्ति को अवैध रूप से बच्चा गोद दिया है। आरोपियों से गोद नामा भी जब्त किया गया है।