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September 8, 2024
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सदन में उठा जाति जनगणना का मामला, रिपोर्ट को सार्वजनिक कर सकती है सरकार, CM साय ने दी जानकारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में हुए जाति जनगणना का मामला आज सदन में उठा। विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्नकाल के दौरान क्वांटिफायबल डाटा (जाति जनगणना) के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की। वहीं इस पर मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर विचार करने की बात कही है।

आज भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा में क्वांटिफायबल डाटा को लेकर कई सवाल किये। कहा कि पिछली सरकार ने OBC की जनसंख्या और आर्थिक स्थिति की जानकारी के लिए आयोग का गठन किया था। कांग्रेस सरकार ने 10 बार आयोग का कार्यकाल बढ़ाया था। बता दें कि जाति जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक ना होने पर भाजपा विधायक चंद्राकर ने सवाल लगाया था।

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने क्वांटिफायबल डाटा को  लेकर कहा कि आयोग सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 13- 9/2019/आ.प्र./1-3 11.09.2019 द्वारा किया गया। इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना था। आयोग का कार्यकाल 06 माह में प्रतिवेदन शासन को सौंपने के लिए गठन किया गया था, किन्तु प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण आयोग का कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया, अंतिम बार 2 माह की अवधि के लिए 31.12.2022 तक के लिये बढ़ाया गया, आयोग ने अपनी रिपोर्ट / प्रतिवेदन 21.11.2022 को राज्य सरकार को सौंपी।

सीएम ने आगे कहा कि उक्त रिपोर्ट/प्रतिवेदन किसी भी संस्थाओं को नहीं दी गई है। क्वांटिफायबल डाटा आयोग के चेयरमेन सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन जज थे, आयोग में सदस्य नियुक्त नहीं किये गए थे। आयोग के चेयरमेन को मानदेय तथा समान पद के न्यायिक अधिकारियों को उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप सुविधाएं दी गई थी। कुल राशि रूपये 1,07,06,856/-( एक करोड़ सात लाख, छः हजार आठ सौ छप्पन) व्यय की गई।

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