भोपाल। मध्यप्रदेश की सरकार ने स्कूली बच्चों के कंधो का बोझ हल्का करने बड़ा निर्णय लिया है। वहां राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में ‘स्टूडेंट बैग पॉलिसी’ जारी कर दी है। इस पॉलिसी के तहत 1 दिन बिना स्कूल बैग के विधार्थी अपनी शाला पहुंचेंगे। इसके अलावा विभाग ने अपने आदेश में ये भी कहा है की पहली और दूसरी कक्षा तक के बच्चों को होम वर्क नहीं दिया जाएगा। उनकी अभ्यास पुस्तिकाएं, वर्क बुक और अन्य आवश्यक सामग्री स्कूल में ही रखने की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि विभाग ने वर्ष 2020 में यह पॉलिसी जारी की थी, जिसका अब कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यह व्यवस्था सभी (सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त स्कूल) पर लागू होगी।
नोटिस बोर्ड पर लगेगा बस्ते के बोझ का चार्ट
बता दें कि स्कूल बैग के वजन की सीमा भी तय की गई है। प्रदेश के सभी शासकीय, अशासकीय और अनुदान प्राप्त स्कूलों पर ये आदेश लागू होगा। पहली कक्षा के स्टूडेंट के स्कूल बैग का अधिकतम वजन 1.6 से 2.2 किलो ग्राम। वहीं, 10वीं क्लास के स्टूडेंट्स के बस्ते का अधिकतम वजन 4.5 किलोग्राम होगा।
वहीें कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों को प्रति हफ्ते 2 घंटे, छठवीं से आठवीं के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 1 घंटे और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा। स्कूल को नोटिस बोर्ड पर बस्ते के बोझ का चार्ट प्रदर्शित करना होगा। इस पर स्कूल की शाला प्रबंधन समिति नजर रखेगी। समिति इस तरह से समय सारणी तैयार करेगी कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें / कॉपियां नहीं लानी पड़े और बस्ते का वजन भी नियंत्रित रहे।
बगैर पुस्तक के लगाई जाएंगी ये कक्षा
कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल और कला की कक्षाओं में पुस्तकें लाना अनिवार्य नहीं होगा। विभाग ने साफ कहा है कि यह कक्षाएं बगैर पुस्तकों के ही लगाई जाएं।
DEO हर तीन माह में करेंगे बस्ते की जांच
स्कूल बैग पॉलिसी के मुताबिक ही बस्ते का वजन हो, यह देखने और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को सौंपी गई है। वे प्रत्येक तीन माह में विद्यार्थियों के बस्ते की रेंडम जांच करेंगे।
प्रदेश के समस्त शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के बस्ते का वजन कम करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी#SchoolEducationMP#JansamparkMP pic.twitter.com/bqKWGiOKGw
— School Education Department, MP (@schooledump) September 2, 2022