बालोद। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को किसानों के खाते में धान अंतर की राशि ट्रांसफर करने एक और बड़ी घोषणा की है। साएम ने कहा कि आज से तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर योजना लागू कर दी गई है। इससे हमारे वनवासी भाइयों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही भूमिहीन कृषि मजदूरों को हर साल 10 रुपए देने के योजना का लागू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बालोद की सभा में कहा कि, मोदी ने वनवासी भाइयों से वादा किया था कि तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए कर देंगे। आज से (12 मार्च) ही इस योजना की भी शुरुआत हो जाएगी। साय ने कहा कि हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूरों को हर साल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय भी लिया है।
साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने जो दायित्व सौंपे हैं। उन्हें हम हर हाल में पूरा करेंगे। हमने रामलला दर्शन योजना की शुरुआत भी कर दी है। यह योजना सरकारी खर्च पर चलेगी।
सुशासन दिवस पर दिया बकाया धान का बोनस
हमारी सरकार ने किसान भाइयों से किए गए वादे के अनुरूप अटल जी के जन्म दिवस, सुशासन दिवस पर 2 साल के बकाया धान बोनस 3716 करोड़ रुपए का अंतरण भी किसान भाइयों के खातों में कर दिया है। 13 लाख से ज्यादा किसानों को बोनस का लाभ मिला है।
इस साल प्रदेश में 145 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है, जो पिछली सरकार द्वारा की गई खरीदी से 37 लाख मीटरिक टन अधिक है।
गरीबों के लिए 18 लाख आवासों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि, मोदी ने गारंटी दी थी कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने पर गरीबों के लिए 18 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा। सरकार बनने के दूसरे ही दिन हमने कैबिनेट की बैठक में इस बारे में निर्णय ले लिया है, अप्रैल माह से तीव्र गति से मकान बनने शुरू होंगे।
मोदी ने महिलाओं को महतारी वंदन योजना शुरू करने की गारंटी दी थी। यह योजना भी शुरू हो चुकी है। परसों 10 मार्च को माननीय प्रधानमंत्री जी के करकमलों से राज्य की 70 लाख माताओं और बहनों के बैंक खातों में 655 करोड़ रुपए की राशि अंतरित कर दी गई है।